---विज्ञापन---

लॉकडाउन में कैसे लेखकों ने बढ़ाई अपनी आय, ई- बुक का क्या रहा रोल? जानें

COVID-19 महामारी ने लोगों के दैनिक जीवन में बड़े पैमाने पर समस्याएं पैदा कि थी। एक तरफ कई लोगों के आय के साधन प्रभावित हुए वहीं लंबे समय तक घर में ही रहने से कई लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो गए। लेकिन ऐसा नहीं है कि लॉकडाउन सिर्फ नुकसान ही लेकर आया। इसने कई […]

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 28, 2023 22:41
Share :
bestseller books in lockdown

COVID-19 महामारी ने लोगों के दैनिक जीवन में बड़े पैमाने पर समस्याएं पैदा कि थी। एक तरफ कई लोगों के आय के साधन प्रभावित हुए वहीं लंबे समय तक घर में ही रहने से कई लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो गए।

लेकिन ऐसा नहीं है कि लॉकडाउन सिर्फ नुकसान ही लेकर आया। इसने कई लोगो को अपना शौक आजमाने का भी मौका दिया। कुछ लोगो ने घर में रहकर कुकिंग और म्यूजिक जैसी नयी चीज़े सीखी तो कुछ लोगों ने कलम पर अपने हाथ आजमाए।

---विज्ञापन---

बेस्टसेलिंग बुक “Incredible Stories

Changemakers of Bharat” के लेखक नीरज कुमार जी बताते हैं कि उन्होंने लॉकडाउन के फ्री टाइम का यूज किया और अपनी किताब के लेखन का काम पूरा किया। अब BIGFOOT PUBLICATION से उनकी किताब पब्लिश भी हो चुकी है। लॉकडाउन में नए लेखकों ने भी अपनी कलम चलाई।

लॉकडाउन की बोरियत में इन लोगों ने अपनी क्रिएटिविटी को पंख दिए और कविताएं कहानियां ही नहीं बल्कि नोवेल भी लिख डाले। लेकिन भारतीय मार्केट में नए लेखकों के लिए लिखना तो आसान है लेकिन अपनी किताब पब्लिश करना आसान काम नहीं है।

---विज्ञापन---

भारतीय बुक पब्लिशिंग मार्केट में चंद विदेशी पब्लिशिंग हाउस का कब्जा है, जो सिर्फ नामी लेखकों की किताबे ही पब्लिश करते है और नए लेखकों को मौका नहीं देते। यहां पर गुरुग्राम स्थित BIGFOOT PUBLICATION ने इन नए और उभरते हुए युवा लेखकों की मदद की। लॉकडाउन के दौरान या उसके बाद से 2000 से अधिक लेखकों की 3000 से अधिक किताबें पब्लिश कर चुका है।

लॉकडाउन में लिखकों ने खूब चलाई कलम

जैसा कि कहते ही हैं कि जिंदगी 10% ही वह है, जो हमारे साथ होता है, लेकिन 90% वह है कि किस तरह हम रिएक्ट करते हैं। लॉकडाउन में कई लोगों का रोजगार चला गया, मजदूरों को अपने गांवों की तरफ पलायन करना पड़ा और लोगों की आय घटी, लेकिन वहीं दूसरी तरफ ये लेखकगण हैं, जिन्होंने इसे अपनी आय बढ़ाने का मौका बनाया। BIGFOOT PUBLICATION के फाउंडर दीपक यादव बताते हैं कि उनके यहां से पब्लिश्ड टॉप राइटर्स लॉकडाउन में किए काम से 10 लाख से अधिक आय कमा चुके हैं ।

ई- बुक ने लिखकों को जिंदा रखा

लॉकडाउन की वजह से बुकस्टोर्स और लाइब्रेरीज बिल्कुल बंद हो गए थे। जिससे किताबों की सेल काफी कम होने लगी थी। जिसका सीधा इफेक्ट फुल टाइम राइटर्स की इनकम पर भी पड़ा।

हालांकि लोग डिजिटल मीडियम से पढ़ने लगे थे, इसी समय ई- बुक्स और ऑडियोबुक्स का भी विस्तार भारत में हुआ। राइटर्स की मदद के लिए न सिर्फ किताबों को एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के माध्यम से दूर दराज के गांवों तक डिलीवर किया, बल्कि ई-बुक बनाकर और ऑडियोबुक रिकॉर्ड कर डिजिटली भी उपलब्ध कराया। जिससे लेखकों की अच्छी आय सुनिश्चित हो पायी।

इन ई -बुक और ऑडियोबुक का फायदा ये ही की इन्हें दुनिया के किसी भी कोने से रीडर्स डाउनलोड करके पढ़ सकते है, सुन सकते है। इसका फायदा ये हो रहा है कि अब भारतीय लेखकों की किताबे विदेशों में भी पॉपुलर हो रही हैं और उन्हें भी विश्व स्तर पर ख्याति मिल रही है। भारतीय लेखकों की इस सफलता के पीछे बिगफूट जैसे पब्लिकेशंस हाउस का भी हाथ है, जो इन किताबों को 140 से भी अधिक देशों तक उपलब्ध कराते हैं।

सभी जोनर की किताबों की बढ़ी मांग

दीपक ने ये भी बताया है कि थ्रिलर और लव स्टोरीज से लेकर बायोग्राफी, प्रोडक्टिविटी और बिजनेस तक, सभी जोनर की किताबे पिछले 2 साल में उन्होंने पब्लिश की है, जिससे लेखकों को अपना नाम करने का मौका मिला। साथ ही भारतीय युवाओं ने स्टॉक मार्केट की बारीकियों को समझने में भी गहरी रुचि दिखाई है और इनसे संबंधित किताबों की सेल में काफी उछाल आया है।

 

HISTORY

Written By

News24 हिंदी

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Feb 27, 2023 08:15 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें