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बिरयानी या कबाब नहीं, ये थी मुगल बादशाहों की फेवरेट डिश

क्या आपने कभी सोचा है कि मुगलकालीन बादशाह की फेवरेट डिश क्या हो सकती है? आमतौर पर लोग कबाब, बिरयानी या कोई शाही डिश का नाम लेंगे, लेकिन ये कोई शाही डिश नहीं बल्कि भारतीय घरों में बनने वाली आम सी डिश है। आइए इसके बारे में जानते हैं।

Author Edited By : Ankita Pandey Updated: Dec 7, 2024 18:11
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Mughal’s Favorite Dish: भारतीय इतिहास में मुगल साम्राज्य का अपनी अलग जगह है। भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना बाबर ने की थी, जिसने एक नए युग की शुरुआत की। मुगलई व्यंजन मुगलों की एक और देन है, जो काफी चर्चित हुआ। इसमें बिरयानी, कोरमा, कबाब, हलीम और निहारी जैसी डिश शामिल हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि मुगलों की फेवरेट डिश बिरयानी, कोरमा या कबाब नहीं, बल्कि एक इंडियन डिश है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

मुगलों को पसंद था ये शाकाहारी खाना

मुगल सम्राटों की रसोई केवल फारसी और मध्य एशियाई परंपराओं से प्रभावित नहीं थी। उन्होंने शाकाहारी व्यंजनों के साथ भारतीय पाक प्रथाओं को भी अपने शाही मेनू में शामिल किया। बता दें कि मुगल सम्राटों के आहार में खिचड़ी को भी जोड़ा गया था। भले ये आपको अजीब लगेगा, लेकिन पुराने रिकॉर्ड से पता चला है कि मुगल शासक, विशेष रूप से अकबर और जहांगीर, खिचड़ी के बहुत शौकीन थे।

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रोज बनवाते थे 1,200 किलो खिचड़ी

बताया गया है कि अकबर को खिचड़ी इतनी पसंद थी कि उनके दरबारी अबुल फजल हर दिन लगभग 30 मन (1,200 किलोग्राम) खिचड़ी तैयार करवाते थे। यह खिचड़ी हर किसी के साथ बांटी जाती थी, जिससे यह एक सामुदायिक व्यंजन बन गई। यह अकबर की उदारता को दर्शाता था।

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इसके अलावा जहांगीर को भी खिचड़ी बहुत पसंद थी, लेकिन उनके लिए इसे पिस्ता और किशमिश से सजा हुआ मसालेदार वर्जन के रूप में तैयार किया जाता था। इस विशेष व्यंजन को ‘लजीजान’ नाम दिया गया था, जिसका मतलब ‘स्वादिष्ट’ होता है।

जिस तरह से मुगलों ने भारत में बिरयानी और कोरमा आदि को पेश किया, उसी तरह खिचड़ी, लपसी, पूरी और लड्डू जैसे व्यंजन मुगल सम्राटों के सामने पेश किए गए। शाही रसोई में काम करने वाले  हिंदू रसोइयों खासकर ब्राह्मणों ने इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान में जरूरी भूमिका निभाई।

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First published on: Dec 07, 2024 06:11 PM

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