Cyclone Dana : चक्रवाती तूफान दाना की वजह से पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कई क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए है। एक तरफ जहां दोनों प्रदेश के लोग परेशानी में थे, घर छोड़कर बाहर रह रहे थे। इस दौरान दोनों प्रदेशों में करीब 1900 बच्चों ने जन्म लिया। बताया जा रहा है कि अकेले ओडिशा में 1600 बच्चों ने जन्म लिया है।
रिपोर्ट्स की मानें तो ओडिशा के 10 नवजात शिशुओं का नाम “दाना” रखा गया। ओडिशा के चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में 1,600 से अधिक महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया, जिनमें 16 जुड़वां बच्चे भी शामिल थे। वहीं बंगाल में 392 बच्चों ने जन्म लिया। ओडिशा के सीएम मोहन माझी ने शुक्रवार को बताया कि चक्रवात आने से पहले 4,000 से अधिक गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया था।
बंगाल के दक्षिण 24-परगना और पश्चिम मिदनापुर में 392 नवजात शिशुओं ने जन्म लिया। सीएम ममता बनर्जी ने अधिकारियों को गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया था। इसी बीच यह भी चर्चा हो रही है कि क्या चक्रवाती तूफान के वक्त अधिक बच्चे जन्म लेते हैं? क्या वाकई तूफान का प्रेग्नेंट महिलाओं पर असर पड़ता है?
VIDEO | Cyclone Dana: Rainfall lashes Kendrapara, Odisha. #CycloneDana
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— Press Trust of India (@PTI_News) October 23, 2024
माना जाता है कि जब भी तूफान की स्थिति बनती है तो उन क्षेत्रों में कम वायुदाब क्षेत्र बनता है। दावा किया गया है कि इसका प्रेग्नेंट महिलाओं पर असर पड़ता है और जन्मदर में वृद्धि का कारण बनता है। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रसव और कम दबाव (लो प्रेशर) के बीच एक कनेक्शन पाया गया है। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि तूफान और उससे संबंधित दबाव के कारण प्रसव पीड़ा शुरू हो जाती है।
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कहा तो यह भी जाता है कि इस तरह के दावे सिर्फ एक मिथक हैं और इसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है। इस तरह की कोई रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आई है इसलिए इसे सच नहीं माना जा सकता।