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Dhirendra Krishna Shastri: क्यों इतने लोकप्रिय हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जानिए उनके बारे में सबकुछ

Dhirendra Krishna Shastri: इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। सोशल मीडिया पर भी वह बहुत फेमस हैं। क्योंकि उनके बोलने का अंदाज सोशल मीडिया पर खूब वायरल होता है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सुनने वालों की संख्या लाखों में हैं। लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Feb 2, 2023 16:35
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bageshwar dham dhirendra krishna shastri
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Dhirendra Krishna Shastri: इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है। सोशल मीडिया पर भी वह बहुत फेमस हैं। क्योंकि उनके बोलने का अंदाज सोशल मीडिया पर खूब वायरल होता है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सुनने वालों की संख्या लाखों में हैं। लेकिन धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में आप कितना जानते हैं। उनका जन्म कहा हुआ था, वह कैसे इतने प्रसिद्ध हुए इसके बारे में हम आपको बताते हैं।

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं। कई लोग उन्हें अपना गुरू मानते हैं। जबकि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने दादाजी को अपना गुरू मानते हैं। इसके अलावा उन्होंने रामभद्राचार्य जी महाराज से भी दीक्षा ली है। माना जाता है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर भगवान हनुमानजी की कृपा है, जिससे वह बिना जाने अपने भक्तों की मन की बता देते हैं। वह दरबार भी लगाते हैं, जिससे उनके दरबार में लोगों का भारी भीड़ जुटती है। लेकिन यह सिलसिला एकदम शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने धीरे-धीरे ही इतनी उपलब्धि हासिल की है।

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मध्य प्रदेश में हुआ था जन्म

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मूलत: मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं, उनका जन्म जन्म 4 जुलाई 1996 बुंदेलखंड अंचल के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ था। यहीं से उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत की थी। बताया जाता है कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और उनके पिताजी जिनका नाम राम करपाल गर्ग है, वह क्षेत्र में कथा किया करते थे। जबकि उनकी माताजी का नाम सरोज गर्ग था, जो गृहणी थी। इसके अलावा उनके छोटे भाई का नाम शालिग्राम गर्ग था, जबकि उनकी बहन का नाम रीता गर्ग था।

दादाजी को मानते हैं अपना गुरू

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का पालन पोषण सामान्य ही रहा, उनके दादाजी का नाम भगवान दास गर्ग था, जिन्हें पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपना गुरू भी मानते हैं। दादाजी के प्रिय होने की वजह से वह ज्यादातर उन्ही के पास रहते थे। उनके दादाजी प्रसिद्ध निर्मोही अखाड़े के सदस्य भी रहे हैं। धीरेंद्र ने अपने दादाजी के सानिध्य में ही रामायण और भगवत गीता का पाठ सीखा। उन्होंने शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल से ली, लेकिन वह कर्मकांड भी सीख रहे थे।

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12 साल की उम्र से देने लगे थे प्रवचन

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महज 12 साल की उम्र से ही प्रवचन देना शुरू कर दिया। आर्ट से ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद उन्होंने खुद को समाज सेवा के लिए समर्पित कर दिया और मानव सेवा को ही अपना लक्ष्य बना लिया। आध्यत्म की तरफ उनका झुकाव इसलिए भी रहा क्योंकि उनका परिवार वंशावली ब्राह्मण है, जिससे उनको घर में ही पूजा पाठ और भक्ति का माहौल मिला था।

ऐसे में उन्होंने अपने दादाजी से प्रेरणा लेकर बागेश्वर धाम का हिस्सा बनना शुरू कर दिया था। फिर इस दरबार से ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री मशहूर हो गए और लोगों को उनकी कथा का अंदाज और वाचन काफी ज्यादा पसंद आने लगे। जिसके चलते उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।

छतरपुर जिले में हैं बागेश्वर धाम

दरअसल, बागेश्वर धाम छतरपुर जिले में हैं उनके गांव के पास ही हैं। यहां भगवान हनुमानजी विराजमान है। जहां पर धीरेन्द्र शास्त्री के दादाजी पूजा पाठ करते थे, बताया जाता है कि वह भी दरबार लगाते थे। बाद में जब धीरेंद्र शास्त्री धाम से जुड़े तो उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और फिर दादाजी की तरह दरबार लगाना शुरू किया। बागेश्वर धाम एक प्रसिद्ध धार्मिक तीर्थ स्थल भी हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और पुजारी हैं। उनके धाम में देश के कोने -कोने से कई श्रद्धालु उनके दर्शन के लिए छतरपुर जाते हैं और अपनी अर्जी लगाते हैं।

बागेश्वर धाम में लगती है अर्जी

बता दें कि बागेश्वर धाम में अर्जी लगाई जाती है, जब भी किसी को अर्जी लगानी होती है तो पहले उन्हें दरबार में रजिस्ट्रेशन करवाना होता है, इसके बाद एक एक टोकन दे दिया जाता हैं। रजिस्ट्रेशन में श्रद्धालुओं का फोन नंबर और घर का पता इत्यादि लिया जाता है। इसके आगे मंदिर परिसर में प्रवेश करने पर वहां हजारों में लोग होते है जिन्हें लाल और काले रंग की पोटली में से किसी एक को चुन्ना होता है।

काली रंग की पोटली भूत प्रेत जैसी समस्याओं के लिए होती है और लाल पोटली घरेलू समस्याओं के लिए दी जाती है। इस पोटली में श्रद्धालु नारियल को बांधकर अपनी समस्या दोहराते रहते है और दरबार तक पहुंच जाते है। साथ ही आपको बता दें कि बागेश्वर धाम के इस दरबार का समय मंगलवार और शनिवार को ही होता है। जिससे यहां इन दो दिनों में भक्तों की भारी भीड़ लगती है।

सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री सोशल मीडिया पर काफी प्रसिद्ध हैं, उनके सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोअर्स हैं। इनका अपना एक यूट्यूब चैनल भी है। इनकी बागेश्वर धाम की वेबसाइट bageshwardham.co.in भी है जिसपर जाकर आप उनके जीवन से जुड़ी जानकारियां ले सकते हैं। वह अपने प्रवचनों की वजह से काफी लोकप्रिय होते जा रहे हैं।

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Written By

Arpit Pandey

First published on: Feb 02, 2023 04:11 PM
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