Amethi Sadhu Fraud : कुछ दिन पहले अमेठी का एक वीडियो खूब वायरल हुआ था। वीडियो में जोगी के भेष में बैठे दो शख्स गाना गा रहे थे और कई महिलाएं , ग्रामीण उसे सुनकर रो रहे थे। दरअसल एक परिवार को लगा कि 22 साल पहले गायब हुआ उनका बेटा घर लौट आया है लेकिन इस भावना के साथ इतना बड़ा धोखा हुआ है कि सच्चाई जान हर कोई दंग है।
22 साल बाद मिला ‘बेटा’ निकला फ्रॉड
अमेठी के खरौली गांव में साधू के भेष में पहुंचे शख्स को रतीपाल सिंह ने अपना बेटा मान लिया। साधू ने भी कह दिया कि हां, उन्हीं का बेटा है। पूरा परिवार बेटे अरुण की वापस की गुहार लगाने लगा और कहा कि वह वापस लौट आए। अरुण वापस लौटने को तैयार हुआ लेकिन उसके लिए मोटी रकम की डिमांड की गई ताकि उसे मठ में जमाकर वह वापस आ सके।
बाप ने बेंच दी जमीन
मजबूर बाप अपने बेटे को वापस पाकर खुश था और पैसा चुकाने के लिए उसने 14 बिस्वा जमीन 11 लाख 20 हजार में चुपचाप बेच दी। इतना ही नहीं, गांव वालों और परिजनों ने मिलकर दोनों को 13 क्विंटल अनाज दिया ताकि भंडारा करवाकर वह वापस आ जाए। पिकअप से अनाज लेकर दोनों अयोध्या गए और वहां से गायब हो गए।
खूब वायरल हुआ था वीडियो
‘मोरे करम लिखा वैराग्य माई रे…’
हमारे मित्र अनुज सिंह ने यह वीडियो क्लिप भेजी है. अनुज के पैतृक गाँव (अमेठी) का मामला है. उनकी रिश्तेदारी का एक बच्चा, 20-22 वर्ष पहले, अचानक कहीं चला गया था. परिजनों ने यथाशक्ति खोजबीन की. थाने में गुमशुदगी की रपट भी दर्ज कराई. वह बच्चा मिला… pic.twitter.com/VYnNpBfCNb
— 🇮🇳Jitendra pratap singh🇮🇳 (@jpsin1) February 4, 2024
इसी बीच रतीपाल सिंह को पता चला कि जो शख्स खुद को उतना बेटा बता रहा है या जिसे वह अपना बेटा मान रहे हैं वह तो कोई और है। दरअसल युवक गोंडा के टिकरिया गांव का नफीस बताया जा रहा है।
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सोशल मीडिया पर साधु भेष में पहुंचे दोनों युवकों के सामने रोती मां का वीडियो खूब वायरल हुआ। यह वीडियो कई राज्यों में पहुंचा, वहां के लोगों ने बताया कि ये दोनों पहले भी इसी तरह की ठगी को अंजाम दे चुके हैं। इसके बाद मामला खुला तो पता चला कि ये सारे ठग गोंडा के एक गांव से जुड़े हुए हैं। नफीस शादीशुदा है और गांव के कई लोग फ्रॉड के मामले में जेल जा चुके हैं।
मिर्जापुर, वाराणसी और बिहार में कर चुके हैं ठगी
ये सारे ठग कई लोगों को चूना लगा चुके हैं। कई जगहों पर बिछड़े हुए भाई, बेटा बनकर भिक्षा मांगते हैं और खुद को खोया हुआ परिजन बताते हैं। जाहिर सी बात है कि परिवार अपने बेटे या भाई को हरहाल में वापस पाना चाहेगा। इसी का फायदा उठाकर ये ‘मठ में देना है’ कहकर पैसों की डिमांड करते हैं। जो भी पैसा या राशन मिलता है लेकर फरार हो जाते हैं।