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Metro VS Namo: मेट्रो से कितनी अलग है नमो भारत ट्रेन? जानें दोनों के बीच 11 बड़े अंतर

Rapid Rail Vs Metro: दिल्ली मेट्रो के बाद एक और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से हजारों लोग फायदा उठा रहे हैं। यह ट्रांसपोर्ट है रेपिड रेल, जिसका ब्रांड नेम "नमो भारत" है। जानते हैं कि मेट्रो से कितनी अलग है नमो भारत ट्रेन? जानें दोनों में 11 बड़े अंतर।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 11, 2025 16:46
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Namo VS Metro
नमो भारत बनाम मेट्रो

Rapid Rail Vs Metro: पहले मेट्रो और अब पहली रेपिड रेल “नमो भारत”। कुछ लोगों का कहना है की दोनो एक जैसी है और कुछ लोगों का कहना है कि दोनों में अंतर है। अगर आप भी कन्फूजन का शिकार हो गए हैं तो यहां जानें की दोनो में आखिर अंतर क्या है ? और नमो इन दोनों से कैसे अलग है।

रैपिड रेल

स्पीड के मामले में रैपिड रेल मेट्रो से कहीं आगे है। इसे एक घंटे में 180 किलोमीटर की गति से चलने के लिए डिजाइन किया गया है। इस प्रकार यात्री केवल एक घंटे में दिल्ली से मेरठ पहुंच सकते हैं। रैपिड रेल के कोच में कई सुविधाएं मिलती हैं जैसे कि फ्री वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स, सामान रखने के लिए जगह, और इंफोटेनमेंट सिस्टम। मेट्रो में प्रवेश के लिए स्मार्ट कार्ड, टोकन, क्यूआर कोड वाले पेपर और ऐप से जनरेट होने वाले टिकट का इस्तेमाल किया जाता है जबकि रैपिड रेल में क्यूआर कोड वाले डिजिटल पेपर और पेपर टिकट का इस्तेमाल किया जाता है।

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मेट्रो ट्रेन

मेट्रो एक घंटे में 40,000 यात्रियों को यात्रा कराने की क्षमता रखती है। रैपिड रेल और मेट्रो के बीच सबसे बड़ा अंतर उनकी गति में होता है। उदाहरण के लिए दिल्ली-NCR में चलने वाली मेट्रो 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है जबकि रैपिड रेल को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के लिए डिजाइन किया गया है।

मेट्रो बनाम नमो भारत

नमो भारत यानि रेपिड रेल परियोजना (Regional Rapid Transit System – RRTS) का पहला दिल्ली-मेरठ रूट शुरू हो चुका है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) ने इस परियोजना को विकसित किया है। दिल्ली-मेरठ रेपिड रेल रूट पर एक नजर दौड़ाई जाए तो 82.15 किमी इस रूट पर 13 स्टेशन हैं। दिल्ली-गाजियाबाद और मेरठ के इस रूट की दूरी 60 मिनट में पूरी होती है। इसके तहत दिल्ली सेक्शन इस प्रकार हैं।

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सराय काले खां (प्रारंभिक स्टेशन)
न्यू अशोक नगर
आनंद विहार
गाजियाबाद सेक्शन

साहिबाबाद
गाजियाबाद
गुलधर
डूंडाहेड़ा
मेरठ सेक्शन

मोदीपुरम (अंतिम स्टेशन)
मेरठ साउथ
मेरठ सेंट्रल
मेरठ नॉर्थ

नमो भारत की खासतौर पर मेट्रो के साथ तुलना की जा रही है पर कुछ विशेषताएं नमो भारत को मेट्रो से काफी अलग बनाती हैं जो इस प्रकार हैं।

  • मेट्रो के स्टेशनों की दूरी एक किलोमीटर है जबकि नमो भारत के स्टेशनों के बीच की दूरी लगभग चार किलोमीटर है।
  • मेट्रो में सामान रखने के लिए रैक नहीं होते जबकि नमो भारत में रैक मिलते हैं।
  • मेट्रो में हर सीट पर लैपटॉप और मोबाइल चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट नहीं होते लेकिन नमो भारत में ये सुविधाएं मिलती हैं।
  • मेट्रो में खानपान का सामान नहीं मिलता और खाने का सेवन करना मना भी है जबकि नमो भारत के प्रीमियम कोच में यह सुविधा मिलती है।
  • मेट्रो में स्ट्रेचर पर मरीज ले जाने की व्यवस्था नहीं है जबकि नमो भारत में यह सुविधा मिलती है।
  • मेट्रो के स्टेशन दो मंजिल के होते हैं जबकि नमो भारत के स्टेशन दो से चार मंजिल तक के होते हैं।
  • मेट्रो में प्रीमियम कोच नहीं होता जबकि नमो भारत में प्रीमियम कोच की व्यवस्था है।
  • मेट्रो पर पुलिस पोस्ट नहीं होते जबकि नमो भारत के हर एक स्टेशन पर पुलिस पोस्ट है।
  • मेट्रो के दरवाजे अपने आप खुलते हैं जबकि नमो भारत के दरवाजे बटन दबाने पर खुलते हैं।
  • मेट्रो की ज्यादा से ज्यादा स्पीड 60 किमी प्रति घंटा होती है जबकि नमो भारत की ज्यादा से ज्यादा स्पीड 180 किमी प्रति घंटा है।
  • मेट्रो के एक कोच में 50 लोग बैठ सकते हैं जबकि नमो भारत के एक कोच में 72 लोग बैठ सकते हैं।

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Edited By

News24 हिंदी

First published on: Feb 11, 2025 04:46 PM

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