Hidden Gem: उत्तर प्रदेश का रामपुर भले ही दूसरी प्रमुख जगहों की तरह मशहूर नहीं हो, लेकिन यह इतिहास और संस्कृति से भरपूर है। यहां स्थित रजा लाइब्रेरी को एशिया की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी तरह से संरक्षित लाइब्रेरियों में से एक माना जाता है। हाल ही में महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने इस अनोखी लाइब्रेरी को लेकर एक्स पर एक पोस्ट किया है। इस पोस्ट के बाद यह लाइब्रेरी लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है।
खोज के पीछे की कहानी
आनंद महिंद्रा की रुचि तब जागी जब उन्होंने लंदन में विलियम कॉलिन्स बुक्स से जुड़े लेखक सैम डेलरिम्पल का एक ट्वीट देखा। डेलरिम्पल कुछ साल पहले भारत आए थे और वह रामपुर घूमने भी गए थे। हाल ही में, उन्होंने ट्विटर पर रजा लाइब्रेरी की एक अद्भुत तस्वीर शेयर करते हुए इस लाइब्रेरी को शानदार बताया है और कहा कि वो शर्मिंदा है, उन्हें इसके बारे में पहले नहीं पता था। रामपुर की यह जगह देखने लायक है।
That is a magnificent structure.
I had absolutely no idea of its existence. I’m embarrassed.
---विज्ञापन---By itself, it makes Rampur a must-see destination… https://t.co/5gnbeMHch5
— anand mahindra (@anandmahindra) February 4, 2025
रजा लाइब्रेरी
रामपुर रजा लाइब्रेरी की स्थापना 1774 में नवाब फैज़ुल्लाह खान द्वारा इंडो-इस्लामिक शिक्षा और कला के केंद्र के रूप में की गई थी। नवाबों के संरक्षण में यह जगह विद्वानों, कवियों, चित्रकारों और संगीतकारों के लिए एक स्वर्ग बन गई। जिसने इस संस्कृति को बढ़ावा दिया। इसकी बेशकीमती संपत्तियों में पेंटिंग, ताड़ के पत्तों की पांडुलिपियां और भारतीय और विदेशी भाषाओं में 60,000 से ज्यादा पुस्तकें शामिल हैं।
पुस्तकालय से अलग रामपुर की विरासत
रामपुर जिसे पहले मुस्तफाबाद के नाम से जाना जाता था केवल एक साहित्यिक केंद्र नहीं है। यह शहर जो भारत की राजधानी से लगभग 200 किमी दूर स्थित है अपनी ऐतिहासिक स्मारकों, मशहूर डिस्टिलरी और रामपुरी चाकू के लिए जाना जाता है। यहां पहले एक चाकू बाजार हुआ करता था लेकिन अब यहां केवल कुछ ही चाकू की दुकानें बची हैं। फिर भी एक 6.10 मीटर लंबे रामपुरी चाकू का स्टेचू चौराहे पर खड़ा है जिसे 52.52 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है और जिसने दुनिया के सबसे बड़े चाकू का खिताब अपने नाम किया है।
रामपुर में क्या है खास ?
रामपुर की संस्कृति इसकी परंपराओं तक फैली हुई है जो मुगल, अवधी और एशियाई स्वादों से गहराई से प्रभावित है। शहर का खास खाना रामपुरी कोरमा जिसे तार-गोश्त के नाम से भी जाना जाता है। इसे धीमी आंच पर पकाया जाता है। कबाब रामपुरी खाने में सबसे ज्यादा मशहूर हैं। सीक कबाब और शमी कबाब अपने बारीक कटे हुए मांस और सुगंधित मसालों के मिश्रण के लिए जाने जाते हैं।
एक बार इस खूबसूरत जगह पर जरूर जाएं और यहां मिलने वाली हर खास चीज का आनंद लें।
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