Greater Noida News: यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने औद्योगिक क्षेत्रों में गतिविधियों को तेज करने और लंबित योजनाओं को गति देने के उद्देश्य से अब सख्त रुख अपनाया है। जिन भूखंड धारकों ने प्लॉट तो ले लिए है लेकिन वर्षों बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया, उन्हें नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया है। प्राधिकरण ने उनसे उद्योग शुरू करने की योजना, निर्माण की समयसीमा और आवश्यक दस्तावेज मांगे है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि निर्माण कार्य शीघ्र शुरू नहीं किया गया तो आवंटन रद्द किया जा सकता है।
3041 में से 1317 ने नहीं कराया नक्शा पास
यमुना सिटी के सेक्टर-24, 24ए, 29, 30, 32 और 33 को औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। अब तक 3041 भूखंडों का आवंटन हो चुका है, जिनमें से 2297 को चेकलिस्ट जारी की गई और 1836 ने लीज डीड कराई है। इसके बावजूद केवल 990 भूखंडधारकों ने ही निर्माण के लिए नक्शा पास कराया है, जबकि मौके पर अब तक सिर्फ 15 इकाइयों का संचालन शुरू हो पाया है।
533 ने नहीं कराई लीज डीड
प्राधिकरण की वेबसाइट पर प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक 1317 ऐसे भूखंड धारक हैं जिन्होंने लीज डीड कराने के बाद भी नक्शा पास नहीं कराया और 533 ने चेकलिस्ट मिलने के बावजूद लीज डीड तक नहीं कराई है। इन्हीं सभी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
उद्यमियों बोले सुविधा के अभाव में अटका निर्माण
इस कार्रवाई के बाद कई उद्यमियों ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि सेक्टर-32 और 33 जैसे कई औद्योगिक क्षेत्रों में अब तक मूलभूत ढांचे ही पूरे नहीं है। वर्ष 2013 में जब पहली बार औद्योगिक भूखंड योजना लाई गई थी तब से अब तक दर्जनों आवंटियों को उनके प्लॉट पर कब्जा नहीं मिला है। उद्यमियों का आरोप है कि कई सेक्टरों में आज भी सड़कें अधूरी है। बारिश के पानी के कारण प्लॉट की सीमाएं तक स्पष्ट नहीं हो पाती। सीवरेज, ड्रेनेज, जलापूर्ति और विद्युत जैसी आवश्यक सेवाएं अभी तक सक्रिय नहीं हो सकी हैं। सेक्टर-33 की मुख्य एंट्री रोड तक अधूरी है, जिससे भारी वाहनों की आवाजाही मुश्किल बनी हुई है।
एयरपोर्ट से जुड़े विकास कार्यों में तेजी, लेकिन जमीन पर धीमी गति
यमुना प्राधिकरण की योजना है कि आगामी वर्षों में जेवर एयरपोर्ट के शुरू होते ही आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों को नई ऊर्जा मिले। इसके लिए प्राधिकरण बुनियादी ढांचा सुधारने और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहा है। उद्यमियों की शिकायते बताती हैं कि जमीन पर अभी कई चुनौती बनी हुई है।