West Bengal CM Mamata Banerjee: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर से चर्चा में हैं। दरअसल, सीएम ममता बनर्जी ने ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ (हमारा मोहल्ला, हमारा समाधान) योजना को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। साथ ही ममता ने ट्रेनिंग के लिए 1000 से अधिक लोगों को दिल्ली ले जाने के जिलाधिकारी के फैसले पर भी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी को पहले यह जानकारी देनी चाहिए थी। इसके अलावा उन्होंने BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) को मतदाता सूची को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं।
‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ योजना
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ‘आमादेर पाड़ा, आमादेर समाधान’ योजना को नवंबर के दूसरे हफ्ते तक राज्य में पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए राज्य के सभी जिलों में निगरानी टीमों के गठन का करने का आदेश दिया है। साथ ही उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जिलाधिकारी को यह जानकारी देनी चाहिए थी कि 1000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण के लिए दिल्ली ले जाया गया है।
West Bengal CM Mamata Banerjee launched the statewide ‘Bhasha Andolan’ from Bolpur on Monday, accusing the BJP of trying to erase Bengali identity. She vowed to resist NRC, protect migrants, and fight “linguistic terror.” #BhashaAndolan #MamataBanerjee #WestBengal #NRC pic.twitter.com/edKQi4CaAa
— Orissa POST Live (@OrissaPOSTLive) July 28, 2025
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दूसरे राज्यों में प्रताड़ित हो रहे बंगाली
सीएम ममता बनर्जी ने आगे कहा कि बांग्ला भाषी लोगों को देश के अलग-अलग राज्यों में प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। असम सरकार कूचबिहार और अलीपुरद्वार के राजबंशी समुदाय के लोगों को नोटिस भेज रही है। गुड़गांव के 10 डिटेंशन कैंपों में बंगाल के प्रवासी मजदूरों को रखा गया है। वहीं, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में राजबंशी, मतुआ, दलित, तपशिली और अल्पसंख्यक समुदायों को प्रताड़ित किया जा रहा है।
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योजना बनाने का निर्देश
इस दौरान ममता बनर्जी ने अधिकारियों को दूसरे राज्यों से प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया है। सीएम ममता ने कहा कि राज्य के 22 लाख प्रवासी मजदूर देश के दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। उन्होंने समीरुल को निर्देश दिया कि वह मुख्य सचिव के साथ बैठक कर इन मजदूरों को वापस लाने की विशेष योजना तैयार करें। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि अगर इन लोगों के पास बंगाल लौटने पर रहने की जगह नहीं होगी तो सरकार उनके लिए अस्थायी शिविर (कैंप) बनाएगी। साथ ही इन लोगों को राज्य की ‘कर्मश्री’ योजना का लाभ भी मिलेगा।