कोलकाता: पश्चिम बंगाल में सरकारी प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक के लगभग 11,000 रिक्त पदों को भरने के लिए रविवार को TET परीक्षा का आयोजन किया गया। इसमें लगभग सात लाख उम्मीदवार शामिल हुए। कुछ उम्मीदवारों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में गड़बड़ी की शिकायत की।
टीईटी परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक नहीं हुआ
हालांकि, डब्ल्यूबीबीपीई के अध्यक्ष गौतम पाल ने कहा कि परीक्षा के दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली और बोर्ड को उम्मीदवारों से कोई आधिकारिक शिकायत नहीं मिली। राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने भी इस बात से इनकार किया कि टीईटी परीक्षा में कोई प्रश्न पत्र लीक हुआ है। उन्होंने कहा कि ये खबर सही नहीं है। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच राज्यभर के 1,460 परीक्षा केंद्रों में पांच साल के अंतराल के बाद पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) द्वारा परीक्षा का आयोजन किया गया।
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ममता बनर्जी सरकार को बदनाम करने की साजिश
शिक्षामंत्री ने आरोप लगाया कि कुछ लोग वॉट्सएप पर फर्जी प्रश्न पत्र प्रसारित करके ममता बनर्जी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं। पिछली टीईटी परीक्षा 2017 में हुई थी। 2014 का परीक्षा परिणाम भर्ती प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं को लेकर विवादों में है और कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई इसकी जांच कर रही है। इस साल की टीईटी को लेकर भी विवाद हुआ था।
परीक्षार्थियों ने लगाया ये आरोप
कोलकाता के हिंदू स्कूल परीक्षा केंद्र में पेपर लिखने वाले कुछ उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने प्रवेश द्वार पर उनके बैग जमा करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की इससे उनका समय बर्बाद हो गया। उन्हें पास के चाय स्टालों पर बैग पैसा रखना पड़ा। परीक्षा केंद्रों के अंदर पेन और कुछ दस्तावेजों के अलावा किसी अन्य सामान की अनुमति नहीं थी। उत्तर 24-परगना जिले के खरदाह स्थित कल्याणनगर स्कूल में करीब छह परीक्षार्थी परीक्षा खत्म होने से आधा घंटा पहले दोपहर 2 बजे के करीब परीक्षा स्थल पर पहुंचे।
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