Noida News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मेरठ (Meerut) जिले के एक कारोबारी से 1.84 करोड़ रुपये ठगने के आरोप में नोएडा पुलिस (Noida Police) ने लखनऊ से 57 वर्षीय एक सिविल इंजीनियर (Civil Engineer) को गिरफ्तार किया गया है। इंजीनियर एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का सदस्य है। उसने बताया कि ठगी के बाद करोड़ों रुपयों को विदेशों के बैंक और क्रिप्टो खातों में भेजा गया है।
विदेशी महिला ने दिया था अच्छे रिटर्न का लालच
जानकारी के मुताबिक मामला पिछले महीने का है। मेरठ के रियल एस्टेट कारोबारी योगेंद्र कुमार चौधरी ने नोएडा के सेक्टर-36 में साइबर क्राइम थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि जुलाई 2021 में एक महिला ने खुद का नाम एनी बताते हुए संपर्क किया। कारोबारी की एनी से व्हाट्सएप पर बात होने लगी। एक दिन उसे अच्छे रिटर्न के बात कहते हुए एक ट्रेडिंग वेबसाइट पर पैसा लगाने का लालच दिया। इस पर कारोबारी ने पहले छोटी राशि का निवेश किया। इस पर उसे अच्छा रिटर्न प्राप्त किया। रिटर्न का पैसा उसके बैंक खाते में आया।
धीरे-धीरे 1.84 करोड़ रुपये निवेश कर दिए
वहीं साइबर सेल की नोएडा इकाई प्रभारी रीता यादव ने बताया कि इस मुनाफे को देखकर कारोबारी ने अपना पैसा निवेश करना जारी रखा। धीरे-धीरे उन्होंने कुल 1.84 करोड़ रुपये का निवेश कर दिया। कुछ दिन बाद जब उसने पैसे निकालने की कोशिश की तो वह नहीं निकला। तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है। उन्होंने तत्काल इसकी शिकायत दर्ज कराई। रीता यादव ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि पीड़ित के पैसे को 19 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर किया गया था।
अलग-अलग खातों में 25 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर चुका है आरोपी
इन्हीं 19 खातों में से एक लखनऊ के सिविल इंजीनियर भुलेश्वरनाथ मिश्रा को पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह सिंगापुर के एक व्यक्ति के लिए कमीशन पर काम करता है। उसने खुद को क्रिप्टो ट्रेडिंग सलाहकार बताया था। इस तरीके से आरोपी अब तक कम से कम 25 करोड़ रुपये 56 क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में ट्रांसफर कर चुका है। इसमें से छह वॉलेट भारतीय यूजर्स के हैं और अन्य चीन, फिलीपींस, सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड के यूजर्स के हैं।