Kannauj: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कन्नौज (Kannauj) जिले में ग्रामीणों का एक अजीब चेहरा सामने आया है। यहां अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचे एक युवक को गांव वालों ने पहले जमकर पीटा। फिर दोनों की जबरन शादी करा दी। लड़के से लड़की की मांग भरवा दी। हालांकि प्रेमी-प्रेमिका भी एक दूसरे से शादी करना चाहते थे, लेकिन इस तरह से शादी होगी, यह उन्होंने सोचा नहीं था। जबरन शादी के बाद लड़की को लड़के के साथ भेज दिया गया है। यह शादी इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। वहीं पुलिस को मामले की जानकारी ही नहीं है।
गांव के बाहर चोरी-छिपे मिलते थे दोनों
घटना कन्नौज की है। यहां के एक गांव में रहने वाली युवती का छिबरामऊ के रहने वाले एक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा था। दोनों गांव के बाहर चोरी-छीपे मिलते थे। जानकारी के मुताबिक एक दिन पहले दोनों ने गांव के बाहर मिलने की योजना बनाई। तय समय पर प्रेमी और प्रेमिका गांव के बाहर एक रास्ते पर मिलने के लिए पहुंच गए। यहां से गुजर रहे गांव के एक व्यक्ति ने दोनों को देख लिया। गांव में पहुंच कर मामले की जानकारी दी। इस पर कई ग्रामीण हाथों में लाठी-डंडे लेकर मौके पर पहुंच गए।
ग्रामीणों ने दोनों को पकड़ लिया, लगाई पिटाई
आरोप है कि ग्रामीणों ने दोनों को पकड़ लिया। इसके बाद प्रेमी की जमकर पिटाई लगाई। ग्रामीणों के गुस्से को देखकर लड़की भी डर के मारे चुपचाप खड़ी रही। बाद में ग्रामीणों ने लड़की के परिवार वालों को बुलाया। उनको पूरी घटना बताई। इसके बाद ग्रामीणों ने फैसला लिया कि दोनों की शादी करा दी जाए। लाठी-डंडों से लैस ग्रामीण दोनों को मंदिर में लेकर पहुंचे। जहां जबरन दोनों की वरमाला कराई। लड़के से लड़की की मांग में सिंदूर भरवाया। लड़की के परिवार वाले भी मूक दर्शक बनकर खड़े रहे।
पुलिस ने कहा उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली
जबरन शादी कराने के बाद लड़की को लड़के के साथ भेज दिया गया। वहीं जिला पुलिस को इस घटना के बारे में जानकारी नहीं है। पुलिस का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई भी शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि कोई शिकायत करता है तो मामले में कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में पूर्व में भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं। जहां प्रेमी-प्रेमिका के पकड़े जाने के बाद ग्रामीण लड़के की पिटाई की गई और फिर दोनों की शादी करा दी गई। यह भी इसी तरह का मामला है। हालांकि कन्नौज में प्रेमी और प्रेमिका शादी करना चाहते थे, लेकिन लाठी-डंडों के खौफ में नहीं।