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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

जर्नल ऑफ इन्फ्लेमेशन रिसर्च में छपा पतंजलि का अध्ययन, बढ़ा कंपनी का मान

पतंजलि का शोध जर्नल ऑफ इंफ्लेमेशन रिसर्च में प्रकाशित हुआ है। इस रिसर्च में सोरायसिस के इलाज के लिए सोराग्रिट टैबलेट और दिव्य तैल के सकारात्मक परिणामों के बारे में बताया गया है। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि ने प्राकृतिक उपायों से सोरायसिस जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज भी संभव है।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Apr 25, 2025 12:22

पतंजलि ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण शोध प्रकाशित किया है, जो अब विश्व प्रसिद्ध जर्नल ऑफ इंफ्लेमेशन रिसर्च में भी छपा है। इस शोध में पतंजलि के वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और आयुर्वेदिक उत्पादों के उपयोग से सोरायसिस जैसी जटिल और गंभीर बीमारी का इलाज संभव कर दिखाया है। कंपनी के संस्थापक आचार्य बालकृष्ण ने इस खुशी के अवसर पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि पतंजलि के वैज्ञानिकों ने सोरायसिस को ठीक करने के लिए सोराग्रिट टैबलेट और दिव्य तैल का निर्माण किया था। यह दोनों उत्पाद मिलकर सोरायसिस के लक्षणों को दूर करने में प्रभावी साबित हुए हैं।

एलोपैथिक से ज्यादा असरदार

सोरायसिस एक लॉन्ग टर्म डिजीज होता है, जिसमें स्किन के ऊपर पपड़ी बनना, खुजली होना और लाल धब्बे जैसी समस्याएं होती हैं। यह ऑटोइम्यून बीमारी है, जो अक्सर खुजली और जलन का कारण बनती है। एलोपैथिक उपचार केवल इसके लक्षणों को दबाते हैं और उनमें कई प्रतिकूल प्रभाव होते हैं। वहीं पतंजलि के आयुर्वेदिक उपायों ने इस बीमारी के स्थायी इलाज में सफलता प्राप्त की है।

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रिसर्च में हुआ खुलासा

पिछले कुछ वर्षों में सोरायसिस का कोई स्थायी इलाज अबतक मौजूद नहीं था, लेकिन अब पतंजलि के शोध ने रोग के इलाज को एक नई दिशा दी है। इस अध्ययन में चूहों पर इमीक्विमोड और टीपीए प्रेरित सोरायसिस के प्रीक्लिनिकल मॉडल का परीक्षण किया गया, जिसमें सोराग्रिट टैबलेट और दिव्य तैल का उपयोग किया गया था। परिणामस्वरूप, स्किन पर सकारात्मक बदलाव दिखाई दिए, जो सोरायसिस के इलाज में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

यह शोध बताता है कि प्राकृतिक आयुर्वेदिक उपायों के माध्यम से हम कठिन से कठिन बीमारी का इलाज संभव बना सकते हैं और पतंजलि इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

 

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: Apr 25, 2025 12:22 PM

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