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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

कौन हैं वो 3 महिलाएं, जिन्होंने नंदा देवी पर्वत पर फहराया था तिरंगा, तीनों ने 1981 में रचा था इतिहास

Who are 3 women Who Conquered Nanda Devi Mountain:उत्तराखंड की पवित्र धरोहर नंदा देवी को फिर से पर्वतारोहण के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है। नंदा देवी पर्वत पर रोक लगने से पहले 3 महिलाओं ने नंदा देवी पर्वत को फतेह कर वहां पर तिरंगा फहराया था। चलिए जानते हैं कि ये तीनों महिला पर्वतारोही कौन थीं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Pooja Mishra Updated: Jul 18, 2025 14:54
Who are the 3 women who conquered Nanda Devi Mountain
1981 में रचा था इतिहास (News24 GFX)

Who are the 3 women who conquered Nanda Devi Mountain: उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म अब और ज्यादा बढ़ने वाला है। क्योंकि बीते दिन ही खबर आई कि उत्तराखंड में स्थित देश के दूसरे सबसे ऊंचे पहाड़ नंदा देवी पर्वत को फिर से अब खोलने की तैयारी की जा रही है। दरअसल, पर्यटन व वन विभाग और भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन ने नंदा देवी पर्वत को खोलने के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है। 1983 के बाद से ही माउंट एवरेस्ट को टक्कर देने वाले नंदा देवी पर्वत पर पर्वतारोहण पर रोक लगी हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 44 साल पहले 3 महिलाओं ने नंदा देवी पर्वत को फतेह कर वहां पर तिरंगा फहराया था? चलिए इन तीनों महिलाओं के बारे में जानते हैं, जिन्होंने नंदा देवी पर्वत के बंद होने से पहले ही उसे फतेह कर लिया था।

1981 का नंदा देवी पर्वत अभियान

नंदा देवी पर्वत की ऊंचाई 7,816 मीटर है, जिसे साल 1981 में 3 भारतीय महिला पर्वतारोहियों, रेखा शर्मा, हर्षवंती बिष्ट और चंद्रप्रभा ऐतवाल ने फतेह किया था। इन तीनों भारतीय महिला पर्वतारोहियों ने नंदा देवी पर्वत सफलतापूर्वक चढ़ाई की और तिरंगा फहराया था। उत्तराखंड की पवित्र धरोहर नंदा देवी पर चढ़ाई करना बेहद मुश्किल और चुनौतियों से भरा हुआ माना जाता है। रेखा शर्मा, हर्षवंती बिष्ट और चंद्रप्रभा ऐतवाल का नंदा देवी पर सफलतापूर्वक चढ़ना देश की कई महिला पर्वतारोहियों के लिए प्रेरणा बना। इसके साथ ही देश में भी महिला पर्वतारोहियों की भी पहचान मिलने लगी।

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कौन हैं रेखा शर्मा?

रेखा शर्मा उस समय की काफी अनुभवी पर्वतारोही थीं। उन्होंने 1981 में नंदा देवी से पहले भी कई बार ऊंचे-ऊंचे पहाड़ पर चढ़ाई की थी। उन्होंने भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन के साथ कई अभियानों में भी हिस्सा लिया। नंदा देवी अभियान में तकनीकी कौशल और नेतृत्व का परिचय देते हुए उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी इस सफलता ने भारत में महिलाओं को पर्वतारोहण के लिए प्रेरित किया था।

कौन हैं हर्षवंती बिष्ट?

उत्तराखंड की रहने वाली हर्षवंती बिष्ट ने 1981 के नंदा देवी अभियानों को पूरा किया। इसी अभियान ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पर्वतारोही की पहचान दिलाई। हर्षवंती बिष्ट के धैर्य और हिमालय की कंडीशन को लेकर उनकी समझ ने नंदा देवी की चढ़ाई के दौरान काफी खास भूमिका निभाई। इस अभियान की सफलता ने उत्तराखंड की महिलाओं को पर्वतारोहण जैसे खेलों के लिए प्रेरित किया है।

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यह भी पढ़ें: Explainer: नंदा देवी पर्वत खुलने से कैसे बढ़ेगा टूरिज्म? क्या-क्या देख सकते हैं टूरिस्ट

कौन हैं चंद्रप्रभा ऐतवाल?

चंद्रप्रभा ऐतवाल भी उत्तराखंड की रहने वाली हैं। नंदा देवी अभियान में चंद्रप्रभा ऐतवाल ने तकनीकी विशेषज्ञता और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने भारतीय सेना या फिर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थानों से इसकी ट्रेनिंग ली है, क्योंकि उस समय लोगों को पहाड़ चढ़ने की ट्रेनिंग दी गई थी।

First published on: Jul 18, 2025 02:54 PM

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