---विज्ञापन---

उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

‘मोदी के नेतृत्व में…’, पहलगाम आतंकी हमले पर बोले उपराष्ट्रपति; कोर्ट की टिप्पणियों पर कही ये बात

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने गुजरात की पूर्व सीएम और यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल की किताब का विमोचन किया। धनखड़ ने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र भी अपने भाषण के दौरान किया। मामले के बारे में जानते हैं।

Author Published By : Parmod chaudhary Updated: May 1, 2025 20:56
Vice President | Jagdeep Dhankhar | Rajya Sabha
जगदीप धनखड़ के पद छोड़ने के बाद राज्यसभा के सभापति का पद भी खाली हो गया है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (AKTU) में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत की। कार्यक्रम में उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की जीवनी ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ का विमोचन किया। समारोह को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति जरूरी है, लेकिन जब यह अपनी सीमाओं को लांघ जाए तो अधिकार के बजाय विकार बन जाती है। धनखड़ ने कहा कि लोकतंत्र संवाद और अभिव्यक्ति से ही मजबूत होता है। वाद-विवाद होना चाहिए, लेकिन इसके लिए हेल्दी ईको सिस्टम भी जरूरी है। कोई शख्स या संस्था जब अहम और अहंकार से ग्रस्त हो जाती है तो यह उसके लिए बेहद घातक बन जाता है।

यह भी पढ़ें:‘क्या अगले लोकसभा चुनाव…’, असदुद्दीन ओवैसी ने जाति जनगणना को लेकर केंद्र के सामने उठाए ये सवाल

---विज्ञापन---

भारत की सांस्कृति विरासत बेमिसाल है। हमें आज हर चुनौती को स्वीकार करने की जरूरत है। देश बाहरी के साथ आंतरिक चुनौतियों से घिरा हुआ है। पहलगाम आतंकी हमले को लेकर धनखड़ ने कहा कि यह देश के लिए बड़ी चुनौती है, लेकिन आज भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित है। अपने लोगों से मिली चुनौती खतरनाक होती है। उसकी चर्चा भी नहीं की जा सकती है। सीएम के अलावा सांसद संविधान के प्रति शपथ ग्रहण करते हैं, लेकिन राज्यपाल और राष्ट्रपति की शपथ उनसे अलग होती है।

ऐसे में गरिमापूर्ण पदों की जाने वाली टिप्पणियों पर भी उन्होंने चिंता जाहिर की। कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने एक बार फिर न्यायपालिका को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सभी संस्थाओं (विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका) की अपनी-अपनी भूमिका है। किसी एक संस्था को दूसरे का काम नहीं करना चाहिए। 140 करोड़ लोगों से जो चुनकर आते हैं, उन्हें इलेक्शन लड़ना होता है। इसलिए जिस तरह विधायिका फैसले नहीं ले सकती, वैसे ही न्यायपालिका कानून नहीं खत्म कर सकती।

---विज्ञापन---

तालमेल से काम करने पर दिया जोर

धनखड़ ने सभी संस्थाओं के बीच तालमेल से काम करने पर जोर दिया। इस मौके पर आनंदीबेन पटेल ने कहा कि किताब में उन्होंने अपने जीवन से जुड़े प्रसंगों को साझा किया है। उम्मीद है कि इससे दूसरों को प्रेरणा मिलेगी। राजनीति में उनके सामने जो-जो चुनौतियां आई हैं, उनको भी इस किताब में बताया है।

यह भी पढ़ें:22 लाख श्रद्धालुओं ने करवाया रजिस्ट्रेशन, मास्टर प्लान तैयार; चार धाम यात्रा को लेकर क्या बोले CM धामी?

वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पटेल का जीवन संघर्ष की प्रेरणादायक गाथा है। उनके मार्गदर्शक ग्रंथ से नई पीढ़ी को नई दिशा मिलेगी। गुजरात के छोटे से गांव से निकलकर वे आज यूपी जैसे राज्य की राज्यपाल बनी हैं, यह यात्रा आसान नहीं कही जा सकती। उनकी जीवन संघर्ष के रास्ते जीवन को ऊंचाइयों पर ले जाने का संदेश देती है।

First published on: May 01, 2025 04:46 PM

संबंधित खबरें