Uttarkashi Tunnel Accident Workers rescued today or tomorrow: एक तरफ जहां देश-दुनिया के लोग दिवाली का त्योहार मनाने में व्यस्त है, वहीं उत्तराखंड बड़ी मुसीबत में फंस गया है। उत्तराखंड में खुशियों के बीच आपदा आई है। यहां 12 नवंबर को उत्तरकाशी में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन टनल ढह गई है, जिसके अंदर करीब 40 फंसे हुए। जिन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य जारी है। इसी बीच सोमवार को प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी ग्राउंड जीरों पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि टनल में फंसे मजदूरों के आज यानी मंगलवार या कल बचाया जा सकता है। बता दें कि मजदूरों को टनल में पाइप के जरिए ऑक्सीजन और खाना भेजा जा रहा है।
उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने कहा कि सुरंग के लगभग 21 मीटर हिस्से से मलबा हटा दिया गया है। लेकिन साफ किए गए हिस्से में ढीली चट्टानें चुनौतियां पैदा कर रहा है। इसलिए, साथ-साथ, सुरंग की दीवारों को शॉटक्रेटिंग के जरिए स्थिर किया जा रहा है।
डीडीएमओ ने दी जानकारी
वहीं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) देवेंद्र पटवाल ने सोमवार को बताया कि हरिद्वार से 900 मिमी की पाइपलाइन लाई जा रही है, जो रात में लगभग 2 बजे साइट पर पहुंच जाएगी। उसके बाद, उस विशाल पाइप को ढहे हुए हिस्से में धकेलने में लगभग 24 घंटे लगेंगे। यदि वह सफल हो जाता है, तो मजदूर उसी पाइप से रेंग कर बाहर निकल सकते हैं। लेकिन पाइप को धकेलते समय उसमें कोई रुकावट या बड़ी दरार नहीं आनी चाहिए। सुरंग के अंदर मजदूरों के 5 से 6 दिनों तक जीवित रहने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन है। इसलिए मजदूरों को मंगलवार या बुधवार को बचाया जा सकता है।
सिल्क्यारा, उत्तरकाशी पहुँचकर दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और संचालित राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की।
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— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) November 13, 2023
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फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं
बता दें कि हादसा रविवार सुबह करीब 5 बजे हुआ। सिलक्यारा की ओर सुरंग के अंदर 200 मीटर की दूरी पर भूस्खलन हुआ था। हादसे के समय मजदूर काम कर रहे थे। ऑलवेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत सिलक्यारा से डंडालगांव तक नवयुगा कंपनी द्वारा बनाई जा रही सुरंग की लंबाई 4.5 किलोमीटर है। 4 किलोमीटर लंबी सुंरग बन चुकी है। पहले सुरंग का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य सितंबर 2023 था, लेकिन अब मार्च 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। मिली जानकारी के अनुसार, अभी तक इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।