Mansa Devi temple stampede: उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भगदड़ मच गई। हादसे में 6 लोगों की मौत हो गई। वहीं 25-30 लोग घायल हो गए। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है। बचाव और राहत कार्य में बड़ी दिक्कत भी आ रही है। इसकी बड़ी वजह मंदिर तक पहुंचने के लिए मार्ग का नहीं होना है। हालांकि रोपवे की व्यवस्था इस मंदिर में ऊपर तक पहुंचने के लिए की गई है। ऐसे में रोपवे के जरिए ही घायलों को नीचे लाया गया है।
सीढ़ियों में भगदड़ की आशंका कितनी?
मंदिर में हादसे की बड़ी वजह भीड़ को बताया जा रहा है। ऐसे में आइये जानते हैं मंदिर में चढ़ने का रास्ता और पहाड़ी पर बने मंदिर में कंपाउंड की स्थिति क्या है। मंदिर तक पहुंचने का रास्ता पहाड़ी को काटकर बनाई गई सीढ़ियां हैं। सीढ़ियों पर चढ़ते समय तो भीड़ का सवाल ही नहीं उठता है इसकी वजह खड़ी सीढ़ियां ऐसे भक्त आराम से ऊपर चढ़ते हैं। लेकिन मंदिर तक पहुंचने के बाद असल समस्या शुरू हो जाती है। मामले में गढ़वाल के डीसी ने कहा कि सीढ़ियों में करंट जैसी कोई बात अभी तक सामने नहीं आई है हां सीढ़ियों में करंट फैलने की अफवाह के कारण हादसा हो सकता है।
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क्राउड मैनेजमेंट न होना भी बड़ी समस्या
मंदिर के कंपाउंड में पहुंचने के बाद भीड़ को कंट्रोल करने की कोई व्यवस्था नहीं है। मंदिर में जहां से लाइनें शुरू होती है वहां पर एक-दो पुलिसकर्मी होते हैं लेकिन कभी-कभार वो भी नजर नहीं आते हैं। ऐसे में मंदिर में प्रवेश के समय तीन क्यू बनी है। जहां से भक्त कुछ मीटर की दूरी पर ही माता के दर्शन करते हैं। मंदिर के गर्भगृह के सामने जाने से पहले एक संकरा रास्ता शुरू हो जाता है यानी तीन लाइनों को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षाकर्मी वहां पर होने चाहिए लेकिन सुरक्षा के नाम पर वहां कोई नहीं होता है। ऐसे में लोग एक साथ गर्भगृह की ओर बढ़ते हैं। ऐसे में ये हादसा होने की आशंका तो रोज ही बनी रहती है।
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