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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

‘कंटेनरों के साथ लोग भी हवा में उड़ने लगे, हम बर्फ में तैर रहे थे’, Chamoli Avalanche की खौफनाक आपबीती

Uttarakhand Chamoli Mana Avalanche : उत्तराखंड के चमोली में शुक्रवार को हुए हिमस्खलन में कई मजदूर दब गए थे। सुरक्षा बलों के जवानों ने 54 में 50 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया, लेकिन 4 लोगों की मौत हो गई। एवलांच से जिंदा बचे लोगों ने आंखों देखा हाल बयां किया।

Author Edited By : Deepak Pandey Updated: Mar 2, 2025 13:42
Uttarakhand Chamoli Mana Avalanche
Uttarakhand Chamoli Mana Avalanche

Uttarakhand Chamoli Mana Avalanche : उत्तरांखड के चमोली जिले के माणा गांव में 28 फरवरी को अचानक से ग्लेशियर टूटा, जिससे बर्फ का सैलाब आ गया। पहाड़ों से बर्फ गिरने लगे। इस हिमस्खलन में 54 बीआरओ कर्मी फंसे थे, जिनमें से 50 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, लेकिन 4 की मौत हो गई। चमोली एवलांच से बचाए गए मजदूरों ने खौफनाक आपबीती बताई।

जोशीमठ आर्मी अस्पताल में भर्ती मनोज भंडारी ने कहा कि कुछ पता नहीं चला। अचानक से एवलांच आया और सभी कंटेनरों को उड़ा ले गया। बर्फबारी के साथ तूफान भी आया था। हमलोग बर्फ में बेहोश पड़े थे। किसी तरह हम सेना के शिविर की ओर भागने में कामयाब रहे। सेना व सरकार और क्या कर सकती थी, मौसम इतना खराब था।

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कंटेनरों के साथ लोग भी हवा में उड़ने लगे : प्रत्यक्षदर्शी

चमोली हिमस्खलन की घटना से जिंदा बचे एक अन्य व्यक्ति मनोज भंडारी ने अस्पताल में कहा कि मैंने अपने पूरे जीवन में ऐसा कुछ कभी नहीं देखा था। कंटेनरों के साथ लोग भी हवा में उड़ रहे थे। किसी तरह हममें से कुछ लोग बर्फ में तैरकर बीआरओ कैंप तक पहुंचने में कामयाब रहे। यह इतना अचानक हुआ कि हमें कुछ पता ही नहीं चला। हमारे सभी कंटेनर नष्ट हो गए, क्योंकि यह एक भारी तूफान था, एक हिमस्खलन था।

एवलांच के बाद खुद को बर्फ में पाया

जोशीमठ आर्मी अस्पताल में भर्ती एक अन्य जीवित बचे व्यक्ति विजय पांडे ने कहा कि हम कंटेनर में थे, जब हिमस्खलन हुआ यह कंटेनर को बहा ले गया। हमने खुद को बर्फ में पाया, हममें से 9 लोग कंटेनर में थे, उनमें से 4 यहां भर्ती हैं।

भाई से आखिरी बार 18 फरवरी को हुई थी बात

जोशीमठ से ऋषिकेश लाए गए BRO (सीमा सड़क संगठन) के एक जवान के भाई पंकज कुमार ने कहा कि डॉक्टर ने कहा कि उनका ऑपरेशन करना होगा। उन्हें अपने पैर महसूस नहीं हो रहे हैं। वे वहां ट्रकों की सर्विसिंग करते थे। मैंने उनसे आखिरी बार 18 फरवरी को बात की थी। डॉक्टरों का कहना है कि वह ठीक हो जाएगा, लेकिन परिवार चिंतित है। डॉक्टर हमारे साथ सहयोग कर रहे हैं।

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Edited By

Deepak Pandey

First published on: Mar 02, 2025 01:41 PM

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