Uttarakhand Avalanche : उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में बर्फ का पहाड़ टूटने के कारण तबाही जैसे मंजर हैं। वहां मौजूद BRO के 55 मजदूर फंस गए थे, जिसमें से अधिकतर को निकाल लिया गया है लेकिन आठ मजदूरों की अभी भी तलाश हो रही है। बर्फ के तूफान में फंसने वालों में नैनीताल के दो भाई भी शामिल थे लेकिन दोनों मौत को मात देकर वापस आ चुके हैं।
माणा गांव में आए बर्फीले तूफान में फंसे लोगों में नैनीताल जिले के रहने वाले नरेश बिष्ट और दीक्षित बिष्ट भी शामिल थे। दोनों माणा गांव में नौकरी करने के लिए गए थे लेकिन तूफान में फंस गए थे। इसके बाद से ही परिवार वालों की हालत खराब हो गई थी लेकिन अब इस परिवार में खुशी का माहौल है।
नरेश बिष्ट के पिता धन सिंह बिष्ट का कहना है कि शुक्रवार शाम 8 बजे नरेश से बात हुई है और उसने अपना हाल-चाल बताया है। उनका कहना है कि मेरा बेटा और भतीजा दोनों ही ठीक हैं और दोनों ही आर्मी अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका इलाज चल रहा है। जिंदा बचे लोगों के अनुसार, उन्हें जिंदा बचने की उम्मीद नहीं थी लेकिन गनीमत रही कि वहां मौजूद जवानों की नजर उन पर पड़ गई और वह अभी जिंदा हैं।
#WATCH | Joshimath, Uttarakhand: On the Mana Avalanche incident, DM Chamoli, Sandeep Tiwari says, “The rescue operation that began yesterday, 33 workers were rescued yesterday. 17 more have been rescued today. In total, 50 people have been rescued, 5 people are still missing and… pic.twitter.com/Ek8qkMsBbf
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) March 1, 2025
साथ ही, नरेश की माता दुर्गा का कहना है कि हमारा बेटा बिल्कुल ठीक है और भतीजे से भी बात हुई है। दोनों ठीक हैं। नरेश की माता दुर्गा का कहना है कि नीम करोली बाबा के आशीर्वाद से आज हमारे दोनों बच्चे एकदम ठीक हैं।
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क्या है ताजा अपडेट?
उत्तराखंड के चमोली में हुए हिमस्खलन में मरने वालों का आंकड़ा 4 तक पहुंचने की खबर है। शनिवार को 17 मजदूरों को बचाया गया, जबकि शुक्रवार को 33 लोगों को बचाया गया था। लापता मजदूरों की तलाश जारी है। बता दें कि माणा गांव के नजदीक 28 फरवरी की सुबह 7:15 बजे बर्फ का पहाड़ खिसका था, जिसकी चपेट में 55 मजदूर आ गए थे। जिस वक्त हादसा हुआ, सभी मजदूर कंटेनर हाउस में थे और सभी उसी में फंस गए थे।