UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में शराब के शौकीनों (Liquor Lovers) के लिए अच्छी खबर है। नए साल से सरकार ऐसी नीति (Liquor Policy) लेकर आने वाली है, जिससे शराब के ठेकेवाले (Liquor Shop) बोतल की कीमत से ज्यादा पैसे नहीं ले सकेंगे। अगर ज्यादा पैसे लिए तो उनकी खैर नहीं होगी।
जानकारी के मुताबिक यूपी में अगले साल से बीयर या शराब की बोतल पर कीमत से ज्यादा पैसे लेना दुकानदारों को महंगा पड़ सकता है, क्योंकि अब पहले से निर्धारित जुर्माने को दोगुना से ज्यादा बढ़ाकर करीब 2 लाख रुपये किए जाने पर विचार चल रहा है।
पहले 75 हजार रुपये था जुर्माना
वर्तमान में विभाग ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूलने वाले खुदरा विक्रेताओं पर 75,000 रुपये का जुर्माना लगाता है। जबकि दूसरी बार शिकायत मिलने पर उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है। अब आबकारी विभाग अगले वित्त वर्ष की नई नीति पर काम कर रहा है। विभाग खुदरा विक्रेताओं पर जुर्माना बढ़ाने के अलावा स्थानीय आबकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए एक प्रणाली विकसित करने पर भी विचार कर रहा है।
इन शराब की दुकानों पर ज्यादा लेते हैं पैसे
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई बार देखा है, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों और राजमार्गों के पास की शराब की दुकानों पर ज्यादा शुल्क लेने की शिकायतें आती हैं। क्योंकि यहां वे लोग पहुंचते हैं जो यात्रा करते हैं, इसलिए बीयर कैन या शराब की बोतल पर 10 या 20 रुपये ज्यादा लेने का स्वभाव हो जाता है। कई बार ग्राहक की ओर से कीमत को लेकर बहस होने पर वह नमकीन या स्नैक्स का पैकेट पकड़ा देते हैं।
व्यापार को आसान बनाने की तैयारी
वर्ष 2023-24 की आबकारी नीति के लिए जिन अन्य उपायों पर विचार किया जा रहा है, उनमें राज्य में व्यापार करने की शर्तों को आसान बनाना, खुदरा विक्रेताओं को हैंडहेल्ड ऑनलाइन डिवाइस से आवश्यक स्टॉक ऑर्डर करने के लिए एक आसान प्लेटफॉर्म प्रदान करना और बीयर-विदेशी शराब के स्टॉक की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना शामिल है।
कीमतों के हिसाब से होंगे लोगो और लेबल
इसके अलावा विभाग एक वित्तीय वर्ष में शराब कंपनी की ओर से पेश किए जाने वाले नए वेरिएंट की संख्या को सीमित करने और लोगो (Logo) को मंजूरी देने की प्रक्रिया को मजबूत करने पर भी विचार कर रहा है। विभाग के अधिकारी ने बताया कि कई बार शराब कंपनियां बाजार में ज्यादा कीमत वाले वेरिएंट पेश करती हैं, जिनके लोगो और लेबल में अंतर करना मुश्किल है।
ग्राहकों और दुकानदार में होती है बहस
यूपी शराब व्यापारी कल्याण संघ के प्रवक्ता देवेश जायसवाल का कहना है कि हमने शराब के नए वेरिएंट के लिए पूरी तरह से अलग और अनोखे लेबल की मांग भी उठाई है। कई बार देखा गया है कि अलग-अलग कीमतों वाली शराब की बोतलों पर एक जैसे लोगो और लेबल होने पर ग्राहक और खुदरा विक्रेताओं में बहस हो जाती है।