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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

UP में सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवतियों को मुफ्त अल्ट्रासाउंड के साथ मिलेगा नाश्ता, डिप्टी CM ने किया ऐलान

Uttar Pradesh News in Hindi: लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जिन स्वास्थ्य केंद्रों में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है, वहां पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मोड में मुफ्त अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू होगी। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को नाश्ता भी मिलेगा, क्योंकि गर्भवती महिलाएं डॉक्टर के देखने या अल्ट्रासाउंड के लिए इंतजार करते समय भूखी रहता हैं। ये घोषणा […]

Author Edited By : Naresh Chaudhary Updated: Nov 22, 2022 20:38

Uttar Pradesh News in Hindi: लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जिन स्वास्थ्य केंद्रों में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है, वहां पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप मोड में मुफ्त अल्ट्रासाउंड सुविधा शुरू होगी। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को नाश्ता भी मिलेगा, क्योंकि गर्भवती महिलाएं डॉक्टर के देखने या अल्ट्रासाउंड के लिए इंतजार करते समय भूखी रहता हैं। ये घोषणा यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एक कार्यक्रम के दौरान की है।

प्रदेशभर के स्वास्थ्य केंद्रों पर मिलेगी सुविधा

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत यह सुविधा दी जाएगी। राज्यभर के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में जांच के दौरान नाश्ते के साथ मुफ्त अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलेगी। बता दें कि पीएमएसएमए के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकार की ओर से कई प्रकार की सुविधाएं दी जाती है।

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विशेषज्ञों ने कही ये बात

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अस्पताल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अमिता शुक्ला ने बताया कि महिलाओं को आमतौर पर डॉक्टरों के पास जाते समय अंदाजा नहीं होता है कि कितना समय लगेगा। इसलिए वह भूखे पेट ही चल देती हैं। इसके पीछे एक और कारण होता है कि बाहर जाकर कुछ अलग तरह का खाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि स्वास्थ्य केंद्र में नाश्ता परोसा जाता है, तो यह सुनिश्चित करेगा कि चेक-अप के लिए आने वाले दिन के लिए उनकी पोषण संबंधी जरूरतें पूरी हो।

डेंगू मरीजों के लिए भी बढ़ाई थी सुविधाएं

बता दें कि इससे पहले सरकार की ओर से डेंगू के मरीजों के लिए भी काफी सुविधाएं सुनिश्चित कराई गई थीं। जैसे प्राइवेट अस्पतालों की तर्ज पर मरीजों को बेड उपलब्ध कराए जाएं। इसके अलावा अस्पताल पहुंचने वाले एक एक मरीज को इलाज मिले। प्रदेश के किसी भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर दवाओं की कमी न रहे।

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First published on: Nov 22, 2022 08:38 PM

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