UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर (Kanpur) जिले में उस वक्त कौतुहल का माहौल हो गया, जब लोगों ने एक दुर्लभ प्रजाति का हिमालयन ग्रिफॉन गिद्ध (Rare Himalayan Griffon Vulture) पकड़ लिया। हालांकि सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने इस गिद्ध को अपने कब्जे में लिया है। लोगों द्वारा पकड़ गए गिद्ध का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
कुछ साल पहले भी दिखा था
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मामला कानपुर के कर्नलगंज स्थि ईदगाह कब्रिस्तान का है। विशेषज्ञों के अनुसार, ‘6-फीट’ से अधिक लंबे पंखों वाला ग्रिफॉन गिद्ध हिमालय में पाई जाने वाली सबसे बड़ी पक्षी प्रजातियों में से एक है।
भारतीय वन सेवा के अधिकारी प्रवीण कासवान ने पिछले साल एक दुर्लभ पक्षी का पुनर्वास करते हुए अपने एक ट्वीट में कहा था कि हिमालयी ग्रिफॉन गिद्ध अब लगभग खतरे में हैं।
#WATCH | UP: A rare vulture was captured in Eidgah cemetery of Kanpur's Colonelganj yesterday. The locals handed it over to Forest Dept.
---विज्ञापन---A local says, "The vulture had been here for a week. We tried to catch it but didn't succeed. Finally, we captured it when it came down." pic.twitter.com/7t5QWXiN3h
— ANI (@ANI) January 9, 2023
40-45 साल होती है औसत उम्र
उन्होंने बताया था कि एक हिमालयी ग्रिफॉन गिद्ध उप-वयस्क प्रवासी होते हैं। वयस्क अधिक ऊंचाई पर रहते हैं। वे कम से कम 40-45 वर्ष की आयु तक जीवित रह सकते हैं। उनके बड़े पंख इन गिद्धों को जमीन पर शवों की तलाश के लिए आसमान में ऊंची उड़ान भरने में मदद करते हैं। यह भी कहा जाता है कि गिद्ध शवों को खाकर बीमारियों को मनुष्यों में फैलने से रोकते हैं।
लोगों ने गोद में लेकर बनाए वीडियो
एजेंसी के मुताबिक कानपुर ईदगाह के स्थानीय लोग दुर्लभ प्रजाति के इस गिद्ध के साथ खेलते हुए नजर आ रहे हैं, क्योंकि वह किसी कारण से अस्वस्थ है। इतना ही नहीं लोगों ने उसे अपनी गोद में भी उठा लिया। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्दियों में तराई और आसपास के क्षेत्रों में हिमालयी ग्रिफॉन गिद्ध देखे जाते हैं।
पुलिस के सामने वन विभाग को सौंपा
कानपुर के एक स्थानीय मो. सफीक ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से गिद्ध इलाके में थे। काफी प्रयासों के बाद भी वह हाथ नहीं आया। जब वह पेड़ों की उंचाई से नीचे आया तो लोगों ने उसे पकड़ लिया। सफीक ने बताया कि हमने पुलिस की मौजूदगी में गिद्ध को वन विभाग को सौंप दिया है।