शाहनवाज चौधरी, बुलंदशहर।
टमाटर के दाम कभी किसानों को मालामाल कर देते हैं, तो कभी उन्हें कर्ज के बोझ तले दबा देते हैं। इस बार टमाटर के गिरते भाव किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्हें मुनाफा तो दूर, मंडी तक टमाटर ले जाने का भाड़ा तक नहीं निकल पा रहा है। मंडियों में टमाटर के दाम गिरने से किसान मायूस हैं। बेबसी का आलम ऐसा है कि किसानों को खेत से मंडी तक टमाटर की ढुलाई का पैसा भी अपनी जेब से चुकाना पड़ रहा है। ऐसे में किसान खून-पसीने से सींचे गए टमाटर को फ्री में बांटने के लिए मजबूर हैं।
मंडी में फ्री में बांटे टमाटर
बुलंदशहर की नवीन फल एवं सब्जी मंडी में आज किसान और आढ़तियों ने भाव नहीं मिलने पर टमाटर को फेंक दिया। किसानों ने क्रेट खाली करने के लिए बड़ी मात्रा में मंडी में जमीन पर ही टमाटर पलट दिया। इसके बाद फ्री में टमाटर लेने के लिए मंडी में लोगों का जमावड़ा लग गया। किसानों का कहना है कि पिछले एक माह से मंडी में टमाटर की दुर्गति हो रही है। एक क्रेट (25 किलो) टमाटर की कीमत महज 20-30 रुपये के बीच है। यानी मंडी में एक रुपये से लेकर सवा रुपये प्रति किलो टमाटर की कीमत है। भाव नहीं मिलने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
टमाटर फ़्री, फ्री में लूट ले जाओ. मंडी में टमाटर मजबूरन फ्री बांटना पड़ रहा है. क्योंकि किसान इस टमाटर को कही और ले जाने पर ख़र्च नहीं झेल पा रहा है. वीडियो उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर का है. इस तरह सरकार ने किसानों की आय दोगुनी की है. pic.twitter.com/ZtHsxA0Fqw
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क्या है टमाटर उत्पादन का गणित?
दरअसल, एक बीघा में टमाटर उत्पादन की लागत 15 से 20 हजार ( जुताई, बुवाई, सिंचाई, निराई, गुड़ाई, बीज, खाद, कीटनाशक) रुपये आती है। फिलहाल उत्पादन लागत को अगर छोड़ भी दिया जाए तो एक क्रेट की खेत से मंडी तक ढुलाई औसतन 15 रुपये है। साथ ही मंडी में दो रुपये प्रति क्रेट की पल्लेदारी (क्रेट को वाहन से आढ़ती की दुकान पर रखना) यानी कुल मिलाकर एक क्रेट पर ढुलाई खर्च 16-17 रुपये आ रहा है। मंडी में 25 किलो टमाटर वाली क्रेट की कीमत 20 से 30 रुपये बमुश्किल मिल पा रही है। साथ ही किसान की सभी क्रेट्स एक दिन में बिक नहीं पा रही है। आढ़तियों का कहना है कि नए टमाटर की खेंप आने पर अगले दिन पुराने टमाटर को फेंकना पड़ता है। ऐसे में किसानों को ढुलाई का पैसा खुद की जेब से निकालना पड़ रहा है।
मांग से ज्यादा आपूर्ति
मंडियों में टमाटर मांग से ज्यादा पहुंच रहा है। बुलंदशहर नवीन मंडी की बात करें तो यहां रोजाना 1000 से लेकर 1200 टमाटर की क्रेट्स की डिमांड रहती है, लेकिन इन दिनों 2000 से लेकर 2200 टमाटर की क्रेट्स मंडी में पहुंच रहे हैं। ऐसे में किसानों को टमाटर का मूल्य नहीं मिल पा रहा है। आढ़ती काले खान का कहना है टमाटर की दुर्गति पिछले एक माह से हो रही है। इस बार गंगा के किनारे टमाटर की बंपर पैदावार हुई है। मौसम टमाटर और तमाम बेल वाली फसलों के अनुकूल रहा है। ऐसे में टमाटर डिमांड से ज्यादा पहुंच रहा है। टमाटर के दाम कम होने की बड़ी वजह भी यही है।
फुटकर रेट अभी भी ₹20 किलो
हालांकि, मंडियों में भले ही टमाटर को कोई खरीदार नहीं मिल रहा हो, लेकिन बाजार में टमाटर की कीमत अभी भी 20 रुपये किलो वसूली जा रही है। सब्जी के फुटकर विक्रेताओं से कोई यह पूछने को तैयार नहीं कि आखिर वह 1 रुपये किलो खरीदा गया टमाटर 20 रुपये किलो क्यों बेच रहे हैं?