UP News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक कैदी की मौत हो गई है। इस कैदी की मौत के साथ ही 42 साल पुरानी एक ऐसी घटना की यादें ताजा हो गई हैं, जिसने उस वक्त देशभर में सनसनी फैला दी थी। ये कैदी कोई और नहीं, बल्कि चंबल की दस्यू सुंदरी फूलन देवी के साथी डाकू पोसा थे।
14 फरवरी 1981 को हुआ था बेहमई नरसंहार
जानकारी के मुताबिक वर्ष 1981 में कानपुर देहात में बेहमई नरसंहार मामले में जेल में बंद फूलन देवी के 85 वर्षीय सहयोगी पोसा की मंगलवार सुबह जिला अस्पताल में मौत हो गई। फूलन देवी समेत पोसा इस मामले में 17वें अभियुक्त थे। बताया जाता है कि 14 फरवरी वर्ष 1981 को बेहमई गांव में फूलन देवी और उनके साथियों ने गांव में 20 ठाकुरों को घरों में से खींच कर लाइन में खड़ा किया और गोलियों से भून डाला।
तबीयत खराब होने पर पोसा को कराया था भर्ती
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 85 वर्षीय पोसा की मौत के बाद अब बेहमई नरसंहार मामले में अब सिर्फ दो आरोपी श्याम बाबू और विश्वनाथ ही बचे हैं। ये दोनों जमानत पर जेल से बाहर हैं। दिसंबर 2016 में कानपुर देहात जिला जेल में शिफ्ट किए गए पोसा की मंगलवार सुबह तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें पहले जेल अस्पताल और फिर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कानपुर के एसपी ने की मौत की पुष्टि
कानपुर (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बीबीटीजीएस मूर्ति के अनुसार, जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही पोसा की मौत हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस मामले के तीन अन्य मुख्य आरोपी, राम रतन, मान सिंह और अशोक कानूनी कार्रवाई से बच गए थे।
फुलन देवी की दिल्ली में हुई थी हत्या
वर्ष 2009 में मान सिंह को कालपी, भोगनीपुर में सड़क के किनारे एक फूड जॉइंट चलाते हुए देखा गया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ने का प्रयास किया तो वे फिर से फरार हो गए। पुलिस शिकायत दर्ज करने वाले राजा राम सिंह की भी वर्ष 2021 में कोविड की दूसरी लहर के दौरान मृत्यु हो गई। पोसा से पहले एक अन्य आरोपी राम सिंह की भी जेल में मौत हो चुकी थी। वहीं फूलन देवी की दिल्ली में उनके आवास पर हत्या कर दी गई थी।
नरसंहार के आरोपी इन लोगों की हो चुकी है मौत
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, बेहमई नरसंहार के लिए कुल 23 डाकुओं को आरोपी बनाया गया था। इनमें से 18 की पहले मौत हो चुकी है। दो आरोपी जमानत पर बाहर हैं। दो आरोपी अभी भी फरार हैं। जबकि डाकू पोसा की अब मौत हो चुकी है।
डकैत राम अवतार, बाबा मुस्तकीम, लल्लू बघेल, बलवान, लल्लू यादव, राम शंकर, जागेश्वर उर्फ जग्गन, बलराम, मोती, वृंदावन, राम प्रकाश, राम पाल, प्रेम पहलवान, नंदा उर्फ माया मल्लाह की भी मौत हो गई है। पुलिस की ओर से बताया गया है कि इनमें कुछ स्वभाविक मौत और कुछ पुलिस इनकाउंटर में मारे गए थे।