खेतों में पराली जलाने की रोक के बावजूद किसान खेतों में लगातार पराली जला रहे हैं। अबकी बार सैटेलाइॉ तलस्वीरों के जरिए उनको पराली जलाते पकड़ा गया है। मथुरा के मांट ब्लॉक में दो स्थानों पर पराली जलाने की सैटेलाइट तस्वीर सामने आने का बाद डीएम ने इसका संज्ञान लेते हुए कृषि अधिकारी और निगरानी टीमों को तलब किया है।
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अनुसार फसल अवशेष जलाया जाना दंडनीय अपराध है। बिना अवशेष प्रबंधन यंत्रों की फसल कटाई करने पर तत्काल मशीन को सीज कर मालिक के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। इसके बाद भी एक और दो अक्तूबर को मांट और छाता ब्लॉक में पराली जलाने की घटनाएं सामने आने पर जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों को तलब किया है।
मथुरा में मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में फसल अवशेष प्रबंधन कार्यक्रम के मुद्दे पर बैठक में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण त्रिगुण बिषेन, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व योगानंद पांडेय, उप कृषि निदेशक रामकुमार माथुर, जिला विकास अधिकारी गरिमा खरे, अधिशासी अभियंता सिंचाई बचन सिंह आदि उपस्थित रहे। जिलाधिकारी ने कहा कि ग्राम पंचायत स्तर पर कृषि और राजस्व कर्मियों को पराली जलाने की घटनाओं पर लगातार नजर रखनी होगी।
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जिला अधिकारी ने पराली जलाने वाले किसानों पर ढाई हजार, पांच हजार और 15 हजार रुपये का तय जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। जिला विद्यालय निरीक्षक और बीएसए को पराली जलाने के दुष्प्रभावों के प्रति बच्चों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।