Bahraich Violence: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डीजीपी प्रशांत कुमार ने बहराइच हिंसा के बाद समीक्षा बैठक की है। जिसमें उन्होंने जिम्मेदार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों की रिपोर्ट तलब की है। डीजीपी प्रशांत कुमार ने इससे पहले हुई हिंसक घटनाओं के बाद कानून व्यवस्था को लेकर भी अधिकारियों के साथ चर्चा की है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अधिकारी उनसे जुड़े। लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिसकर्मियों की जवाबदेही तय कर कार्रवाई करने के आदेश उन्होंने सीनियर अधिकारियों को दिए हैं। आगामी त्योहारों पर कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था बनी रहे, इसको लेकर भी चर्चा हुई है। सभी एडीजी जोन और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर, एसटीएफ चीफ अमिताभ यश भी इस दौरान वीसी के जरिए मीटिंग से जुड़े।
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इस दौरान डीजीपी ने अधिकारियों से कहा कि दंगा नियंत्रण स्कीम को अपडेट किया जाए। टीमों में संबंधित मजिस्ट्रेट शामिल किए जाएं। पुलिस बल को हर समय ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा जाए। समय-समय पर उनकी रिहर्सल करवाई जाए। दंगे की स्थिति में क्या करना है? इसकी जानकारी हर पुलिसकर्मी को हो। किसी भी आयोजन से पहले उसकी पुलिस ब्रीफिंग हो। बिना जानकारी दिए पुलिस की ड्यूटी न लगाई जाए। पूरा आकलन करने और भीड़ से निपटने के गुर सीखने के बाद ही पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए। पुलिस के पास जुलूसों के रास्तों, आबादी आदि को लेकर पूरी जानकारी होनी चाहिए। पुलिस को संवेदनशील जगहों की पहचान करने और दूरबीन और आधुनिक हथियार देने के बाद ही फील्ड में उतारा जाए। इलाकों के सभी वर्गों में समन्वय बनाया जाए।
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Violence is not stopping in Bahraich, now UP STF chief Amitabh Yash has come into the field.
First Time in UP DGP on Duty. pic.twitter.com/fhIzxZk9vm
— Amoxicillin (@Albert_1789) October 14, 2024
सिविल वॉलंटियर्स को दी जाए जिम्मेदारी
वार्ड मेंबरों, ग्राम प्रधानों, ग्राम समितियों और चौकीदारों को भी जिम्मेदारी दी जाए। भड़काऊ भाषण देने वालों, माहौल खराब करने वालों पर तुरंत एक्शन लिया जाए। पीस कमेटी और शांति कमेटियां बनाई जाएं। जिनमें सिविल वॉलंटियर्स को शामिल किया जाए। संवेदनशील इलाकों में लगातार फ्लैग मार्च और पेट्रोलिंग की जाए। 112 वाहनों को फेरे बढ़ाए जाएं। धार्मिक स्थलों पर नजर रखी जाए। पोस्टर, बैनर तक की बारीकी से जांच हो। सोशल मीडिया फेसबुक आदि को भी UP पुलिस लगातार चेक करे। कहीं कोई संदिग्ध चीज नजर आए तो तुरंत एक्शन लिया जाए। कंट्रोल रूम में सभी उपकरण अपडेट हों। पुलिसकर्मियों की यहां शिफ्टवार 24 घंटे तैनाती की जाए।
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