उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से शिष्टाचार भेंट की। यह मुलाकात सीएम की नियमित बैठक का हिस्सा थी, जिसमें राज्य के विकास कार्यों, प्रशासनिक मुद्दों और नीतिगत निर्णयों पर चर्चा हुई। हालांकि सियासी गलियारों में इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीति के जानकार इसके यूपी के मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देख रहे हैं। प्रदेश में लंबे समय से कुछ विभागों के मंत्री पद रिक्त हैं।
मंत्रिमंडल में खाली हैं कई पद
मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच यह बैठक करीब एक घंटे तक चली। प्रदेश में पीडब्ल्यूडी विभाग में मंत्री का पद एक साल से खाली है। जितिन प्रसाद फिलहाल केंद्र में मंत्री हैं। इससे पहले वे विधान परिषद के सदस्य थे। ऐसे में उनकी यह सीट भी खाली है। इसके अलावा भी कई मंत्री पद है जोकि खाली है। भाजपा आगामी चुनाव को देखते हुए संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए जल्द ही मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकती है।
कुछ मंत्रियों को पद से हटा सकते हैं सीएम योगी
सूत्रों की मानें तो सीएम योगी कुछ मंत्रियों को पद से हटा सकते हैं तो वहीं कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। राजनीति गलियारों में चर्चा है कि आगामी विधानसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही बीजेपी क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन बनाने पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य सरकार की नीतियों को लोगों तक पहुंचाना और संगठनात्मक मजबूती को बढ़ाना है। हालांकि इसको लेकर अभी सिर्फ कयास लगाए जा रहे हैं। अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
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योगी सरकार जल्द ही नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। इससे पहले भी योगी सरकार ने बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में कई अहम फैसले लिए हैं। नई ऊर्जा और उत्साह के साथ इन योजनाओं को गति देने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार जरूरी है।
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