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1980 का मुरादाबाद दंगा, 43 साल बाद क्यों आया याद? योगी सरकार सार्वजनिक कर रही है रिपोर्ट

UP Assembly Session: उत्तर प्रदेश के विधानसभा में आज मानसून सत्र का दूसरा दिन है। माना जा रहा है कि आज का सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है, क्योंकि प्रदेश में पहली बार किसी दंगे को लेकर सरकार रिपोर्ट को सार्वजिक तौर पर पेश करने जा रही है। एएनआई के अनुसार, योगी सरकार साल 1980 […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Aug 8, 2023 13:43
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UP Assembly Session: उत्तर प्रदेश के विधानसभा में आज मानसून सत्र का दूसरा दिन है। माना जा रहा है कि आज का सत्र काफी हंगामेदार होने वाला है, क्योंकि प्रदेश में पहली बार किसी दंगे को लेकर सरकार रिपोर्ट को सार्वजिक तौर पर पेश करने जा रही है। एएनआई के अनुसार, योगी सरकार साल 1980 में हुए मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट पेश करेगी। हालांकि सोमवार को भी सदन का पहला दिन काफी हंगामेदार रहा था।

डिप्टी सीएम बोले- छिपाई गई थी रिपोर्ट

एएनआई के अनुसार, 1980 के मुरादाबाद दंगों की रिपोर्ट पेश करने के मिद्दे पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह रिपोर्ट छिपाई गई थी। अब इसे पेश किए जाने की जरूरत है। इससे लोगों को मुरादाबाद दंगों के बारे में सच्चाई जानने में मदद मिलेगी। हर किसी को इस रिपोर्ट का स्वागत करना चाहिए, क्योंकि इससे पता चल जाएगा कि दंगा कौन करता है, कौन इसका समर्थन करता है और कौन इसके खिलाफ लड़ता है?

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83 लोगों की गई थी जान

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 3 अगस्त साल 1980 को मुरादाबाद में हिंसा भड़क गई थी। बताया गया है कि इस दिन ईद थी और ईद की नमाज के बाद हिंसा भड़क गई थी। हिंसा में करीब 83 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। हिंसा के दौरान यहां दुकानों और घरों में आगजनी की गई थी।

43 साल बाद फिर उठा मुरादाबाद दंगों का मुद्दा

हिंसा के बाद प्रदेश की तत्कालीन वीपी सिंह सरकार ने इन दंगों की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद साल 1980 में सरकार के सामने रिपोर्ट पेश की गई थी। रिपोर्ट के बाद हुई जांच के आधार पर मुस्लिम लीग के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष डॉ. शमीम अहमद खान समेत कई लोगों को दोषी ठहराया गया था। इसके बाद आज करीब 43 साल बाद ये मामला फिर से सामने आया है।

सीएम योगी बोले- शिक्षा के क्षेत्र में हुआ सुधार

उधर, यूपी विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहली बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की बोर्ड परीक्षाएं 15 दिन में पूरी हो रही हैं। सीएम ने कहा कि पहले यही परीक्षाएं 2-3 महीने तक चलती थीं। 14 दिन में नतीजे आ गए हैं। यह भी सामने आया है कि 56 लाख छात्रों के नतीजे सिर्फ 29 दिनों में घोषित कर दिए गए। यह शिक्षा क्षेत्र में सुधारों का परिणाम है।

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Edited By

Naresh Chaudhary

First published on: Aug 08, 2023 01:37 PM

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