Gyanvapi Row: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान सामने आया है। अब संत समाज सीएम योगी के समर्थन में उतर आया है। उधर सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सीएम के बयान पर पलटवार किया है।
जितेंद्रानंद सरस्वती ने दिया ये बयान
अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती की ओर से बयान सामने आया है। उन्होंने खुलकर सीएम के कथन का समर्थन किया है। जितेंद्रानंद ने अपने वीडियो बयान में कहा है कि ज्ञानवापी की दीवारें चीख-चीख कर कह रही हैं कि ज्ञानवापी एक मंदिर है।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर बोलीं, मंदिर था और रहेगा
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने ज्ञानवापी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को उचित ठहराया और कहा है कि उन्होंने जो कहा, सही कहा है। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि वहां हजारों साल से आराधना हो रही थी, फिर भी हमारी भावना को लोगों ने ठेस पहुंचाई। कहा कि हर मत और पंथ के लोगों को इसका समर्थन करना चाहिए कि वहां मंदिर था और मंदिर ही रहेगा।
जलाभिषेक करने पहुंचीं किन्नर महामंडलेश्वर
किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर हेमांगी सखी ने भी सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी वाले बयान का समर्थन किया है। कहा है कि वे सरकार और सीएम योगी का समर्थन करती हैं। ज्ञानवापी से भोले बाबा को मुक्ति दिलाने के लिए आंदोलन भी करेंगी। हालांकि ज्ञानवापी मस्जिद में जलाभिषेक के लिए अड़ी किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर को मंदिर के गेट नंबर-4 पर पुलिस ने रोक दिया। इसके बाद उन्होंने खुद का जलाभिषेक किया।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने किया पलटवार
उधर, समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सीएम योगी ने बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि देश में अगस्त 1947 की स्थिति को ही लागू रखना चाहिए। उन्होंने कटाक्ष किया कि आज मस्जिद में मंदिर खोजा जा रहा है। कल मंदिर में मठ खोजा जाएगा। इसी तरह से विवाद आगे बढ़ता जाएगा।
क्या कहा था सीएम योगी ने
बता दें कि एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में सीएम योगी ने कहा था कि सरकार ज्ञानवापी के विवाद को सुलझाने में लगी है। हालांकि इस दौरान इस दौरान उन्होंने सवाल किया था कि अगर ज्ञानवापी मस्जिद है तो फिर त्रिशूल क्या कर रहा है। त्रिशूल हमने तो नहीं रखा। सीएम ने कहा कि यहां ज्योतिर्लिंग है, प्रतिमाएं हैं। मुस्लिम समाज से प्रस्ताव आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है और इस का समाधान होना चाहिए।