400 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे संस्पेंड आईएएस अभिषेक प्रकाश को चार्जशीट दी गई है। नियुक्ति विभाग की ओर से भेजी गई इन चार्जशीट को उन्होंने प्राप्त कर लिया है। आईएएस अभिषेक प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने इन्वेस्ट यूपी का सीईओ का रहते हुए निवेशकों से भारी रिश्वत ली थी। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद यह कार्रवाई की गई।
भूमि अधिग्रहण घोटाला और रिश्वत मांगने का आरोप
सस्पेंड आईएएस अभिषेक प्रकाश भटगांव भूमि अधिग्रहण घोटाले और सब्सिडी के बदले सोलर कंपनी से रिश्वत मांगने का आरोप है। इन्हीं दोनों मामले में उन्हें चार्जशीट दी गई है। बताया जाता है कि इन्वेस्ट यूपी के तत्कालीन सीईओ अभिषेक प्रकाश को सब्सिडी के बदले सोलर कंपनी से रिश्वत मांगने के आरोप में 20 मार्च को निलंबित कर दिया गया था। इससे पहले, 2021 में लखनऊ के भटगांव में हुए भूमि अधिग्रहण घोटाले मामले में भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया जा चुका है।
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फर्जी तरीके से इन लोगों को पहुंचाया फायदा
आईएएस अभिषेक प्रकाश के अध्यक्षता में ही भटगांव की जमीन डिफेंस कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित की गई थी। इसमें सभी नियम-कायदों को ताक पर रखकर फर्जी तरीके से नौकरशाहों और राजनेताओं के करीबी लोगों को फायदा पहुंचाया गया। इन्वेस्ट यूपी और डिफेंस कॉरिडोर घोटाले में फंसे निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को आखिरकार चार्जशीट सौंप दी गई है।
विभागीय जांच की प्रक्रिया होगी तेज
सूत्रों के अनुसार,यह आरोप पत्र प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर तैयार किया गया है। यह मामला अब सिविल सेवा आचरण नियमों के तहत गंभीर सेवा अनुशासनात्मक कार्रवाई की ओर बढ़ सकता है। जल्द ही उनके खिलाफ विभागीय जांच की प्रक्रिया तेज हो सकती है।
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