समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को गद्दार बताया था, जिसके बाद बवाल मच गया था। अब रामजी लाल सुमने ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सपा सांसद रामजी लाल सुमन और उनके बेटे रंजीत सुमन ने 26 मार्च को आगरा में उनके घर पर तोड़फोड़ करने वाले हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, मामले की निष्पक्ष जांच और अपने लिए केंद्रीय सुरक्षा की मांग को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है।
रामजी लाल के आवास पर हुआ था हिंसक प्रदर्शन
राज्यसभा में बहस के दौरान राणा सांगा पर विवादित बयान के चलते करणी सेना ने आगरा स्थित रामजी लाल सुमन के आवास पर हिंसक प्रदर्शन किया था। रणधीर सुमन ने इस घटना के बाद आगरा के हरि पर्वत थाने में अज्ञात भीड़ के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। वरिष्ठ अधिवक्ता इमरान उल्लाह और विनीत विक्रम के माध्यम से दाखिल याचिका में कहा गया है कि आगरा में हुई घटना के बाद भी करणी सेना व अन्य राजपूत संगठनों ने रामजी लाल सुमन से माफी मांगने की मांग जारी रखी है और धमकी दी है कि 12 अप्रैल को दोबारा वे आगरा कूच करेंगे।
रामजी लाल पर इनाम घोषित करने वाले नेता पर मुकदमा
सांसद रामजी लाल सुमन को जान से मारने पर इनाम घोषित करने को लेकर अलीगढ़ में करणी सेना के एक स्थानीय नेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। क्षेत्राधिकारी अभय पांडेय ने गुरुवार को बताया कि सपा सांसद रामजी लाल सुमन को जान से मारने वाले व्यक्ति को 25 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा करने को लेकर मोहन चौहान के खिलाफ बुधवार को जवान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई। मार्च के अंतिम सप्ताह में सोशल मीडिया पर जारी एक वीडियो में मोहन चौहान ने कहा था कि सांसद को इसकी कीमत चुकानी होगी। समाजवादी पार्टी महिला सभा अलीगढ़ की अध्यक्ष आरती सिंह ने इस संबंध में 29 मार्च को गांधी पार्क थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, यह शिकायत बाद में जवान थाने में स्थानांतरित कर दी गई थी, क्योंकि मोहन चौहान इसी थाना क्षेत्र में रहता है।
‘मेरे घर पर जो हुआ वह पूरी तरह से गुंडई और दबंगई’
सपा सांसद रामजी लाल के घर पर 26 मार्च को हुए बवाल के बाद 28 मार्च को रामजी लाल सुमन अपने घर पहुंचे थे। उस समय सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा था कि जनतंत्र में जब आप अपनी बात कहते हैं तो ये जरूरी नहीं कि सभी आपकी बात से सहमत हों, लेकिन विरोध की अभिव्यक्ति के लिए जनतंत्र में अपना विरोध दर्ज कराने का सबको अधिकार है। आप प्रदर्शन कर सकते है, नारेबाजी कर सकते हैं, अखबारों में समाचार दे सकते हैं, लेकिन मेरे घर पर जो हुआ वह पूरी तरह से गुंडई और दबंगई है।
उन्होंने कहा था कि ये तो अवांछित तत्वों का मेरे घर पर हमला है, ये व्यवस्थित प्रयास है, ये जंगलराज है। जिस तरह से हमला हुआ सब जानते हैं। इस हमले को रोका जा सकता था, लेकिन मुझे तकलीफ है कि मेरे घर पर हमला हुआ। ये एक मनोवृति है, ये वही लोग हैं जिन्होंने अखिलेश यादव के सीएम पद से हटने के बाद घर की सफाई करवाई। ये वही लोग हैं जो दलितों को बारात में घोड़ी नहीं चढ़ने देते, ये वही लोग हैं जो पीडीए के खिलाफ हैं।