Kawad Yatra 2025: यूपी में सावन माह आते ही अब राजनीति का दौर शुरू हो जाता है। 10 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होनी है। प्रदेश सरकार ने इसको लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। योगी सरकार ने पुराने पहचान बताने वाले नियम को अनिवार्य बताया। कहा कि कांवड़ यात्रा रूट पर खाने-पीने की चीजें बेचने वाली सभी दुकानों को नेम प्लेट लगाना जरूरी है। उसमें दुकानदार का पूरा नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए। सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान दुकान लगाने वालों से उनकी जाति और धर्म के बारे में पूछना पूरी तरह से अनुचित है। भारतीय जनता पार्टी और आतंकवादियों में कोई अंतर नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के लोग भी धर्म और जाति पूछकर हमला करते हैं और आतंकवादी भी धर्म पूछकर लोगों की हत्या करते हैं।
हर कांवड़ियों को जानने का हक
बयान का पलटवार करते हुए प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा के नेता लगातार कांवड़ यात्रा पर बकवास बयान दे रहे हैं। वे कांवड़ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की तुलना आतंकवादियों से कर रहे हैं। यह बेहद निंदनीय है। सपा यूपी में शरिया कानून लागूकर तुष्टिकरण की राजनीति करना चाहती है। कहा कि हम यूपी में व्यवस्थित और सुरक्षित कांवड़ यात्रा आयोजित करने के लिए दृढ़ हैं। हर खरीदार का यह अधिकार है कि वह यह जाने कि वह किससे सामान खरीद रहा है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
मुख्यमंत्री योगी ने पिछले साल जुलाई में आदेश जारी किया था कि कांवड़ यात्रा रूट पर खाने-पीने की चीजें बेचने वाली सभी दुकानों को नेम प्लेट लगाना जरूरी है। उसमें दुकानदार का पूरा नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए। इस पर जमकर बवाल हुआ था। मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया था। कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी और मामला शांत हो गया। अब कांवड़ यात्रा आने पर योगी सरकार ने फिर वही नियम पालन करने का आदेश दिया। जिससे राजनीति फिर गर्माया गया।