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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

Explainer: अखिलेश यादव पर भारी पड़ेगा उत्तराखंड कैबिनेट का यह निर्णय? इटावा में निर्माणाधीन केदारेश्वर पर देवभूमि से उठे विरोध के सुर

Kedarnathtemple and Akhilesh Yadav: यूपी के इटावा में बन रहा केदारनाथ धाम जैसा हूबहू मंदिर केदारेश्वर पर अब विवाद गहराने लगा है। इसकी वजह है तीर्थ पुरोहितों का विरोध। मंदिर की नकल पर तीर्थ पुरोहितों ने बताया कि यह आस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड कैबिनेट के इस नियम से अखिलेश यादव पर कार्रवाई हो सकती है। पढ़िए नई दिल्ली से राघव तिवारी की पूरी रिपोर्ट। 

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jul 18, 2025 18:17

Kedarnath temple and Akhilesh Yadav: कुछ ही दिन पहले सोशल मीडिया पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इटावा में बन रहे केदारनाथ धाम मंदिर की वीडियो साझा किया। वीडियो में निर्माणाधीन केदारेश्वर मंदिर दिख है। साथ ही बिजली कड़कते हुए तेज आवाज आ रहा थी। अखिलेश के वीडियो साझा करते ही यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पर उत्तराखंड के पुरोहितों ने विरोध जताना शुरू कर दिया। तीर्थ पुरोहितों ने आरोप है कि सपा नेता अखिलेश के संरक्षण में इटावा में केदारनाथ के प्रतिक्रति जैसा मंदिर बन रहा है। यह श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ करने जैसा है। पुरोहितों के विरोध के साथ ही उत्तराखंड कैबिनेट का एक निर्णय पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भारी पड़ सकता है।

 

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इस कानून से अखिलेश पर हो सकती है कार्रवाई

दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ नाम के विवाद के बाद उत्तराखंड की धामी सरकार ने गत साल 18 जुलाई को कैबिनेट में एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें बैठक में चारधाम (यमुनोत्री, गंगोत्री, बदरीनाथ और केदारनाथ) के नाम के दुरुपयोग पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया। कहा गया कि यदि कोई इन धामों के नाम और स्वरूप का अनुकरण कर मंदिर बनाएगा तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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पुरोहितों की चेतावनी- अखिलेश यादव के घर पर देंगे धरना

बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने कहा कि केदारनाथ-बदरीनाथ हिमालय की गोद में स्थित हैं। यह भक्तों की आस्था के बड़े केंद्र हैं। कहीं और ऐसा हूबहू मंदिर बनाना निम्न मानसिकता है। कहा कि हम विधिक राय लेने के बाद प्रदेश सरकार ने कार्रवाई की मांग करेंगे। आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा कि इटावा में यदि केदारनाथ नाम से बन रहा मंदिर का निर्माण नहीं रोका गया तो तीर्थ पुरोहित समाज अखिलेश यादव के घर पर धरना देने के लिए बाध्य होगा। चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने बताया कि यह श्रद्धा का अपमान और नकल है।

दो साल पहले दिल्ली में हुआ था विवाद

केदारनाथ के प्रति भक्तों की काफी आस्था है। ऐसे में लोग उसका लाभ उठाकर अलग अलग जगह केदारनाथ मंदिर बनाना चाहते हैं। दिल्ली के बुराड़ी में अगस्त 2024 में एक शिव मंदिर का नाम केदरनाथ धाम रखा गया। प्रवेश द्वार पर जय श्री केदार लिखा गया। इससे बवाल मचा। तब उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मामले में दिल्ली के सीएम से बात की। तब मंदिर का नाम श्री केदार मंदिर, दिल्ली रखा गया। मतलब पहले नाम से धाम शब्द हटाकर दिल्ली और जोड़ा गया।

चार सालों से बन रहा है मंदिर

इटावा में सफारी पार्क के सामने केदारेश्वर महादेव मंदिर की आधारशिला साल 2021 में रखी गई थी। उत्तराखंड जैसे हुबहू मंदिर का निर्माण सपा सु्प्रीमो अखिलेश करवा रहे हैं। इस बनाने में दक्षिण भारत के इंजीनियर, वास्तुकारों की टीम लगी है। मंदिर की अनुमानित लागत 40 से 50 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

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First published on: Jul 18, 2025 03:51 PM

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