Thursday, March 30, 2023
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Republic Day 2023: भारतीय संस्कृति, ज्ञान और गुरु-शिष्य परंपरा की अमिट छाप है यूपी की झांकी

Republic Day 2023: उत्तर प्रदेश की झांकी से जुड़े अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021 में भी अयोध्या की झांकी थी। जो राम मंदिर पर केंद्रित थी।

Republic Day 2023: देश के 74वें गणतंत्र दिवस (Republic Day 2023) के मौके पर राजधानी दिल्ली (Delhi) के कर्तव्यपथ पर गणतंत्र दिवस परेड का आयोजन चल रहा है। भारतीय सेनाओं की ओर से सलामी परेड के बाद राज्यों की ओर से झाकियों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की झांकी (Uttar Pradesh Tableau) ने भी सभी का मन मोह लिया।

अयोध्या के दीपोत्सव ने बनाया था वर्ल्ड रिकॉर्ड

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक डीडी के सौजन्य से झांकी की तस्वीरें साझा की गई है। गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश की झांकी में अयोध्या में मनाए गए तीन दिवसीय दीपोत्सव को दिखाया गया है। देव दीपावली के मौके पर अयोध्या में आयोजित ये दीपोत्सव इतना भव्य था का इसे वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी ने इस रिकॉर्ड के प्रमाणपत्र को हासिल किया था।

मिस्र के राष्ट्रपति है इस गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि

बता दें कि देश के 74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मिस्र के राष्टपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी मुख्य अतिथि हैं। इस गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र की सेना ने भी भाग लिया है। साथ ही दोनों देशों के सेनाएं राजस्थान के जैसलमेर में युद्धाभ्यास भी कर रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक परेड की सुरक्षा में करीब 6,000 जवानों को तैनात किया गया है। इसमें दिल्ली पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल और एनएसजी शामिल हैं।

तीन साल में दूसरी बार सजी अयोध्या की झांकी

उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी और यूपी की झांकी से जुड़े अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2021 में भी अयोध्या की झांकी थी। जो राम मंदिर पर केंद्रित थी। इसके साथ ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भी दर्शाया गया था। उन्होंने बताया कि इस झांकी को दर्शकों के बीच अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली थी। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से यूपी की झांकी (अयोध्या विषय: 2021, काशी कॉरिडोर, 2022) प्रथम पुरस्कार जीत रही है। उन्होंने कहा कि यूपी आरडी परेड में पहले से तीसरा पुरस्कार जीतने वाला पहला राज्य है।

भारतीय संस्कृति, ज्ञान और गुरु-शिष्य परंपरा पर आधारित

झांकी से जुड़े अधिकारी ने बताया कि ऋषि वशिष्ठ को भारतीय संस्कृति और ज्ञान की परंपरा के ध्वजवाहक के रूप में पेश किया गया है। भगवान राम के आगमन पर उनके स्वागत के लिए अयोध्या नगरी को दीपों (दीपक) से सजाया गया था। भगवान राम के छोटे भाई भरत समेत राम परिवार के अन्य लोग भी साथ में होंगे।

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