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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

महाकुंभ में भगदड़ मचने के 5 कारण; UP पुलिस-प्रशासन फेल हुआ या वाकई लोगों की थी गलती?

Mahakumbh Stampede Reasons: महाकुंभ में मची भगदड़ और हादसे में 30 लोगों की मौत UP पुलिस और प्रशासन का सिस्टम फेल होने से हुआ, लेकिन बदइंतजामी कैसे हादसे का कारण बनी? आइए इस बारे में विस्तार से बात करते हैं...

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Jan 30, 2025 11:04
Mahakumbh Stampede
Mahakumbh Stampede

Prayagraj Maha Kumbh Stampede Reasons: मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को प्रयागराज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर मची भगदड़ में 30 लोग मारे गए। करीब 60 लोग घायल हुए और भगदड़ के बाद हादसास्थल पर खौफनाक दिल दहलाने वाला मंजर देखने को मिला। हादसे के लिए महाकुंभ की तैयारियों और सुरक्षा के लिए नियुक्त 5 अधिकारियों DIG वैभव कृष्ण, ADG भानु भास्कर, SSP राजेश द्विवेदी, मेला अधिकारी विजय किरण आनंद, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत को जिम्मेदार ठहराया गया।

कई नेताओं, साधु संतों ने भी भगदड़ और 30 मौतों के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन के इंतजामों को जिम्मेदार ठहराया। योगी सरकार का सिस्टम फेल हुआ, इसलिए आस्था की नगरी में इतने बड़े पर्व में, धार्मिक आयोजन में भगदड़ मची। प्रयागराज की धरती, मां गंगा के किनारे खून से सनी, लेकिन आखिर इंतजामों और सुरक्षा व्यवस्था में चूक कहां हुई? पुलिस और प्रशासन का सिस्टम कैसे फेल हुआ? आइए 5 पॉइंट में जानते हैं…

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संगम पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़

महाकुंभ में भगदड़ मचने का एक कारण त्रिवेणी संगम नोज पर लाखों श्रद्धालुओं का जुटना है। महाकुंभ में 84 होल्डिंग एरिया बनाए गए हैं, ताकि वहां लोगों को रोककर भीड़ कंट्रोल की जा सके, लेकिन पुलिस जवानों और अधिकारियों ने होल्डिंग एरिया से आगे लोगों को जाने दिया, जो संगम पर जुट गए। काली मार्ग पार्किंग और अन्य जगहों पर भी श्रद्धालु डेरा जमाकर बैठे थे। 8 बजे से लोग संगम पर जुटना शुरू हुए और यही भीड़ हादसे का कारण बनी।

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एंट्री-एग्जिट का वन वे रूट प्लान फेल

महाकुंभ में स्नान के लिए घाट बनाए गए हैं। घाटों तक जाने के लिए और वापस आने के लिए वन-वे रूट बनाया गया। प्लानिंग के अनुसार, काली रोड से त्रिवेणी बांध पार करके श्रद्धालुओं को संगम अपर मार्ग से संगम नोज जाना था। स्नान करने के बाद अक्षयवट रोड से त्रिवेणी बांध के रास्ते त्रिवेणी मार्ग से होते हुए एग्जिट करना था, लेकिन यह प्लानिंग फेल हुई, क्योंकि लोगों ने रूल का पालन नहीं किया। वे अक्षयवट मार्ग पर नहीं गए, बल्कि संगम मार्ग से ही वापस जाते दिखे।

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पांटून पुलों को बंद रखना बड़ी गलती

महाकुंभ परिसर में भीड़ कम हो, इसलिए पांटून पुल बंद कर दिए गए। करीब 30 पांटून पुल लोगों की आवाजाही के लिए बनाए गए थे, लेकिन 10 से ज्यादा पांटूल पुल पुलिस ने बंद रखे। इसलिए झूंसी की ओर से आने वाले लोगों को कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ा, लेकिन थक जाने के कारण वे संगम नोज पर ही आराम करते दिखे। इस वजह से भी संगम नोज पर भीड़ बढ़ी, जो देररात अंधेरे में लोगों की मौत का कारण बनी।

पुलिस-प्रशासन की मनमानी भी एक वजह

महाकुंभ में मची भगदड़ का एक कारण उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन की मनमानी भी रही। महाकुंभ तक आने वाली सड़कों को काफी चौड़ा बनाया गया था, ताकि लोगों को आने जाने में दिक्कत न हो, लेकिन पुलिस ने मनमानी से इन सड़कों बैरिकेडिंग करके ब्लॉक किए रखा। इस कारण श्रद्धालुओं को लगातार पैदल चलना पड़ा और जब वे थक गए तो उन्होंने संगम किनारे आराम करने के लिए डेरा डाल लिया। अगर सड़कें खुली रहतीं तो संगम नोज पर भीड़ न बढ़ती।

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CISF कंपनी को आने में समय लगा

महाकुंभ में मची भगदड़ का एक कारण CISF कंपनी का हादसास्थल तक देरी से पहुंचना है। महाकुंभ में आपात स्थिति से निपटने के लिए बचाव और राहत दल तैनात किए गए थे, लेकिन उन्हें महाकुंभ परिसर से दूर ठहराया गया था। CISF कंपनी सेक्टर-10 में ठहरी थी, जो हादसा होने के बाद इस कंपनी को मौके पर पहुंचने में समय लगा, जिससे हालात खराब हुए।

First published on: Jan 30, 2025 10:21 AM

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