पतंजलि भारत में किसानों को सशक्त करने के लिए सकारात्मक दिशा में काम कर रहा है। यह कंपनी किसानों को सपोर्ट करने के लिए कई तरह की नई और एडवांस पहल शुरू कर चुकी है। इसमें सही दाम, ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा, नई तकनीक और फेयर वैल्यू फॉर प्रोडक्ट भी शामिल हैं। पतंजलि न सिर्फ किसानों और खेती को बढ़ावा दे रहा है बल्कि कंपनी ने पर्यावरण को अनुकूल रखने के लिए भी अहम भूमिका निभाई है। इस ब्रांड के तौर-तरीके खेती के प्रयासों को बदल रहे हैं और देश के किसानों को आत्मनिर्भर बना रहे हैं।
आखिर कैसे पतंजलि किसानों को इनोवेटिव समाधान और फेयर-ट्रेड सुविधाओं से लैस करता है, यह सभी लोगों के मन में उठने वाला एक बड़ा सवाल है। हमारी इस रिपोर्ट में समझें सबकुछ।
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पतंजलि कैसे किसानों की मदद करता है?
1. फेयर-ट्रेड मॉडल
पतंजलि किसानों से सीधे उत्पाद खरीदता है, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होती है। इससे किसानों को उनके प्रोडक्ट का उचित और सुनिश्चित मूल्य मिलता है। लॉन्ग टर्म कॉन्ट्रैक्ट और पार्टनरशिप स्कीम्स की मदद से किसानों को सुरक्षा भी मिल रही है।
2. ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा
पतंजलि ऑर्गेनिक फार्मिंग को भी प्रमोट करता है और किसानों को प्रशिक्षण व संसाधन भी मुहैया कराता है। कंपनी केमिकल-फ्री खेती को अपनाने के लिए किसानों को मोटिवेट करती है।
3. बीज, खाद और तकनीक की मदद
पतंजलि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज, प्राकृतिक खाद और जैविक कीटनाशक उपलब्ध कराता है। साथ ही, खेती से जुड़ी आधुनिक तकनीकों और प्राकृतिक खेती विधियों की ट्रेनिंग देता है।
4. उत्पाद की खरीद की गारंटी
पतंजलि कई फसलों जैसे गेहूं, आंवला, एलोवेरा, हल्दी और तुलसी जैसे उत्पादों को सीधा खरीदता है। इससे किसानों को बाजार की अनिश्चितता से भी छुटकारा मिलता है।
5. फेयर प्राइज
बाजार में चाहे कीमतें ऊपर-नीचे हो रही हों, पतंजलि अपने किसानों को न्यूनतम गारंटीड मूल्य ही देता है। पतंजलि के साथ जुड़कर किसान सिर्फ खेती ही नहीं करते, बल्कि रोजगार, सहकारी समितियों और प्रोसेसिंग यूनिट्स के माध्यम से भी लाभ उठाते हैं।
पतंजलि की नई स्कीम
पतंजलि ने कुछ समय पहले ही अपने एग्रीकल्चर सेक्टर में बड़ा कदम उठाया है। अप्रैल 2024 में, पतंजलि फूड्स लिमिटेड ने दो नई कंपनियां शुरू की थीं, जिसमें कंटेम्पररी एग्रो प्राइवेट लिमिटेड और ऋषिकृषि फार्मिंग प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इन कंपनियों का उद्देशय यह है कि कैसे देश के हर किसान तक फार्मिंग की नई तकनीके पहुंच सके और कैसे उन्हें अधिक से अधिक लाभ हो।
स्थिर खेती को बढ़ावा
ये दोनों कंपनियां 20 लाख रुपये की शुरुआती पूंजी के साथ शुरू की गई थीं। इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य किसानों को ज्यादा से ज्यादा खेती के गुण सिखाना, टिकाऊ खेती के तरीके बताना और नई फार्मिंग टेक्निक्स को डेवलप कर उनपर काम करना है। इन कामों की मदद से किसानों को बेहतर उपज वाली खेती करने में सहायता मिलेगी और वे फसलों को सही दाम पर बेच सकेंगे।
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