Seema Haider Case: पाकिस्तान से आई सीमा हैदर के खिलाफ चल रही जांच में हर दिन बड़े खुलासे हो रहे हैं। एक बार फिर उसका झूठ पकड़ा गया है। सीमा हैदर ने नेपाल बॉर्डर पर सात दिन तक रेकी की थी। उन्होंने यह जानकारी जुटाई कि वो कैसे और कहां से भारत की सीमा में दाखिल हो सकती है। सीमा हैदर ने बॉर्डर पर भारत में दाखिल होने के लिए सात दिन तक खाका तैयार किया था।
सीमा हैदर ने फर्जी आधार कार्ड के जरिए बॉर्डर पार किया था। बॉर्डर पार करने के बाद सीमा हैदर ने मोबाइल फोन तोड़कर फेंक दिया था। एटीएस की टीम ने उस साइबर कैफे पर छापा मारा, जहां फर्जी दस्तावेजों से आधार कार्ड में बदलाव किया गया था। सीमा हैदर ने मार्च से ही भारत में दाखिल होने के लिए पूरे रूट प्लान को सचिन के साथ मिलकर तैयार करना शुरू कर दिया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, भारत में दाखिल होने के लिए कुल सात ऐसे बॉर्डर पर सीमा हैदर की नजर थी, जहां से भारत में दाखिल होने में कोई खतरा न हो पाए। सीमा ने इसलिए इन सात बॉर्डर की जानकारी जुटाई थी।
आइए जानते हैं उन सात बॉर्डर के बारे में
- यूपी के महराजगंज का सोनौली बॉर्डर
- उत्तराखंड के चंपावत का बनबसा बॉर्डर
- सिद्धार्थनगर का साका बॉर्डर
- बिहार के सीतामढ़ी का राक्सौल बॉर्डर
- अररिया जिले का जोगबनी बॉर्डर
- पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग का काकड़ भिट्टा बॉर्डर
यूट्यूब से वीडियो देखकर जुटाई थी जानकारी
सूत्रों के मुताबिक, सीमा और सचिन इस साल मार्च में नेपाल में सात दिन सिर्फ शादी के मकसद से ही नहीं रुके थे, इन दोनों ने नेपाल-भारत के सभी बॉर्डर की भौगोलिक स्थिति का जायजा लिया था। सभी इंडो-नेपाल बॉर्डर से भारत में दाखिल होने के लिए यूट्यूब से वीडियो देखकर जानकारी जुटाई। साथ ही खतरे को भांपा, जिससे कि वो पुलिस या SSB के हत्थे न चढ़ पाए। पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर आधार कार्ड के जरिए नेपाल के काठमांडू से दिल्ली फ्लाइट से भी आ सकती थी, लेकिन उसे एयरपोर्ट पर स्कैनिंग के दौरान पकड़े जाने का खतरा था।
सीमा के पास था फर्जी आधार कार्ड
नेपाल में सीमा के पास फर्जी आधार कार्ड था। उसे आधार बनाकर बस में सफर किया और पाकिस्तानी महिला भारत की सीमा में दाखिल हो गई। सूत्र बताते हैं कि इतेमाल के बाद फर्जी आधार कार्ड नष्ट कर दिए गए। यही वजह है कि इंटरनेट कैफे पर एटीएस ने बुलंदशहर में छापेमारी की है।
सोनौली बॉर्डर से दाखिल हुई सीमा हैदर
सीमा हैदर चाहती तो काठमांडू से भी डायरेक्ट बस लेकर भारत आ सकती थी लेकिन, वहां सुरक्षा कड़ी होने की वजह से उसने काठमांडू से बस न लेकर रातभर की बस यात्रा करके पोखरा गई। वहां से उसने बस के जरिए यूपी के महराजगंज का सोनौली बॉर्डर से दाखिल हुई। क्योंकि सीमा को पता था कि यहां पर न ज्यादा चेकिंग होती है न ही ज्यादा पूछताछ। जिससे कि आसानी से यह भारत में दाखिल हो सके और किसी को पता न चले पाए।
रबूपुरा में 50 दिन तक रही सीमा, किसी को जानकारी तक न हुई
ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा आने के बाद सीमा हैदर एक किराए के मकान में तकरीबन 50 दिनों तक रही, इसकी किसी को कानों-कान खबर नहीं होने दी या उसके बच्चों ने भी कि ये सभी पाकिस्तानी हैं। क्योंकि पोल खुलने पर पुलिस को खबर मिल जाती और सीमा के लिए मुसीबत बढ़ जाती है। जबकि जिस रबूपुरा में सीमा हैदर किराए के मकान में रहती थी वहां से सचिन के वास्तविक घर जहां घर वाले सब रहते हैं उसकी दूरी महज एक किलोमीटर है। ऐसे में एजेंसी के लिए यह सवाल बना हुआ है कि अगर प्यार में शादी करके नेपाल से यहां आई है तो 50 दिनों तक बात क्यों छुपाए रखी।
दीपक दुबे और मोहम्मद यूसुफ की रिपोर्ट।
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