Noida News: नोएडा में 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों नहीं मिलेगा। इन वाहनों की निगरानी के लिए पेट्रोल पंपों पर कैमरे भी लगाए जाएंगे। कंट्रोल रूम से ऐसे वाहनों पर नजर रखी जाएगी। वहीं मंगलवार से ऐसे वाहनों को दिल्ली में एंट्री नहीं मिलेगी। दिल्ली में 1 जुलाई से 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसे में इन वाहनों को पेट्रोल देने पर भी रोक लगा दी गई है।
एनसीआर में इन वाहनों के संचालन पर सख्त पाबंदी
गौरतलब है कि एनजीटी के नियमों के अनुसार पेट्रोल वाहन की आयु 15 वर्ष और डीजल वाहन की आयु 10 वर्ष है। ऐसे में आयु सीमा समाप्त होने के बाद किसी भी परिस्थिति में दिल्ली एनसीआर में इन वाहनों के संचालन पर सख्त पाबंदी है। एआरटीओ डॉ. सियाराम वर्मा का कहना है कि 10 और 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों को नवंबर से पेट्रोल नहीं मिलेगा। इसके लिए जिले के पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाए जाएंगे और जिला स्तर पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा। इस कंट्रोल रूम में उन पेट्रोल पंपों की जानकारी एकत्र की जाएगी। गठित टीमें उस पेट्रोल पंप पर जाकर उस वाहन को सीज कर देंगी। इस कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी यातायात और परिवहन विभाग के अधिकारियों को दी जाएगी। इसका नंबर भी जारी किया जाएगा।
दिल्ली की तर्ज पर हो रहा काम
बता दें कि दिल्ली की तर्ज पर नोएडा में भी पुराने वाहनों को ईंधन मिलने पर रोक लगने जा रही है। ऐसे दो लाख से ज्यादा वाहनों को पेट्रोल देने पर सख्ती होगी। यह नियम एक नवंबर से लागू होने जा रहा है। सीएक्यूएम के निर्देश के बाद परिवहन विभाग सख्त होने जा रहा है, जल्द ही पेट्रोल पंपों पर एएनपीआर कैमरे लगाकर वाहनों की निगरानी की जाएगी। अगर वाहन पुराना पाया गया तो उसे फ्यूल देने से मना कर दिया जाएगा।
2 लाख 8 हजार 856 वाहन समय सीमा कर चुके पूरे
एआरटीओ डॉ. सियाराम वर्मा ने बताया कि जिले में कुल 2 लाख 8 हजार 856 वाहन समय सीमा पूरी कर चुके हैं। पहले यह संख्या अधिक थी लेकिन इसमें से 13 हजार वाहन दूसरे जिले में ट्रांसफर हो चुके हैं। वहीं 17 हजार लोगों ने वाहन स्क्रैप कर दिया है। बाकी वाहन इसलिए फंसे हुए हैं, क्योंकि इन वाहनों पर 100 करोड़ रुपये का चालान बकाया है। वहीं, एनजीटी ने दिल्ली में इन वाहनों पर प्रतिबंध लगाने की जानकारी दी है। इन वाहन मालिकों को नोटिस जारी किया गया है।