Noida News: नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच प्रस्तावित नए एक्सप्रेसवे के निर्माण को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इसका निर्माण उत्तर प्रदेश एसप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) से कराने का निर्णय लिया गया है। इसके निर्माण में आने वाली लागत नोएडा,ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी मिलकर वहन करेंगे। इसके निर्माण पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए दो विकल्प
यमुना नदी के पुस्ता रोड के साथ नोएडा- ग्रेटर नोएडा के बीच प्रस्तावित नए एक्सप्रेसवे बनाने के मामले में एक बड़ा निर्णय हुआ है। इस परियोजना के लिए सिंचाई विभाग की एनओसी लेनी है। यह शासन स्तर पर पूरी होगी। नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, यह एक्सप्रेसवे सेक्टर 94 से यमुना एक्सप्रेसवे तक एलिवेटेड बनाया जाएगा। इसकी लंबाई 29 किलोमीटर होगी। इसकी लागत 4000 करोड़ रुपए आने की संभावना है। एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए दो विकल्प रखे गए हैं। पहले यह एलिवेटेड 6 लेन का बनाया जाए। वहीं जमीन पर बनाए जाने पर 8 लेन का बनाया जाए।
दिल्ली और हरियाणा का ट्रैफिक होगा डायवर्ट
इस प्रस्ताव के मुताबिक सेटर 94 की तरफ से इसका निर्माण अंतिम निवास गोल चक्कर के आगे से शुरू होगा। यहीं पर कालिंदी कुंज से आने वाले दिल्ली और हरियाणा के ट्रैफिक को नए एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए सड़क बनाई जाएगी। फिर इसे आगे ले जाया जाएगा। इसे यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही एक रैंप सीधे परी चौक पर उतर जाएगा। इससे जमुना एक्सप्रेसवे और ग्रेटर नोएडा की तरफ जाने वाले वाहन अलग-अलग दिशा में बट जाएंगे।
नोएडा अथॉरिटी देगी सबसे ज्यादा धनराशि
अथॉरिटी अधिकारियों के अनुसार एक्सप्रेसवे के निर्माण में आने वाली लागत की धनराशि नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना अथॉरिटी मिलकर देंगे। लेकिन बड़ा हिस्सा नोएडा अथॉरिटी क्षेत्र में होगा। इसलिए यह माना जा रहा है कि ज्यादा धनराशि अथॉरिटी को देनी पड़ेगी।
एयरपोर्ट जाना होगा आसान
अथॉरिटी के अनुसार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन शुरू होने पर सड़क मार्ग पर दबाव पड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे बन जाने से सीधे एयरपोर्ट के लिए यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते जाया जा सकता है। इससे करीब 10 लाख लोगों का सफर भी आसान हो जाएगा।