New Noida: उत्तर प्रदेश सरकार और नोएडा अथॉरिटी की महत्वाकांक्षी योजना ‘नया नोएडा’ (New Noida) अब जमीन पर बसने को तैयार है। दादरी-नोएडा-गाजियाबाद विशेष निवेश क्षेत्र (DNGIR) के तहत यह हाई-टेक सिटी 87 गांवों की जमीन पर बसाया जाएगा। इसे अबू धाबी इंडस्ट्रियल जोन और सिंगापुर के मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
पहली स्टेज में 3,000 से ज्यादा इंडस्ट्रियल यूनिट स्थापित होंगी, जिससे लाखों युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही, शहर में 6 लाख लोगों के रहने की योजना है, जिनमें 3.5 लाख प्रवासी होंगे। नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के अनुसार, ‘नया नोएडा’ में 300 मिलियन लीटर डेली (MLD) पानी की आपूर्ति होगी। यह पानी गंगाजल और भूमिगत वॉटर सोर्स से उपलब्ध कराया जाएगा।
‘नया नोएडा’ की विशेषताएं
- 87 गांवों की जमीन पर होगा हाई-टेक सिटी का निर्माण।
- 3,000+ औद्योगिक इकाइयां स्थापित होंगी।
- अबू धाबी और सिंगापुर के आधुनिक शहरों की तर्ज पर होगा विकास।
- 300 MLD पानी की आपूर्ति होगी।
- 6 लाख की कुल आबादी में 3.5 लाख प्रवासी होंगे।
- 58.96 हेक्टेयर वेटलैंड और 91.75 हेक्टेयर कैनाल बनाई जाएंगी।
- 2041 मास्टर प्लान तैयार, जिसमें सड़क, बिजली, पानी और परिवहन का विस्तार।
- 21,000 हेक्टेयर क्षेत्र में होगा पूरा विकास, जिसमें 8,811 हेक्टेयर औद्योगिक क्षेत्र होगा।
- रिहायशी इलाके के लिए 2,000 हेक्टेयर से अधिक जमीन आरक्षित।
- लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों की जमीन अधिग्रहण प्रोसेस शुरू।
2041 मास्टर प्लान के तहत होगा शहर का विकास
नोएडा अथॉरिटी ने 2041 मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसके तहत शहर को औद्योगिक, रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्रों में बांटा जाएगा।
- 21,000 हेक्टेयर क्षेत्र में नया शहर बसाया जाएगा।
- 8,811 हेक्टेयर इंडस्ट्रियल एरिया के लिए रिजर्व।
- 2,000 हेक्टेयर से अधिक रिहायशी इलाकों के लिए रखा जाएगा।
- मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित किया जाएगा।
- ग्रीन एनर्जी और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर स्पेशल फोकस दिया जाएगा।
- वाटर सप्लाई और वाटर कंजर्वेशन की व्यवस्था
- ‘नया नोएडा’ को पानी की समस्या से बचाने और वॉटर लेवल बनाए रखने के लिए विशेष रणनीति अपनाई जा रही है।
- 212 MLD पानी औद्योगिक इकाइयों को सप्लाई किया जाएगा।
- 85 MLD पानी घरेलू इस्तेमाल के लिए रिजर्व होगा।
- वाटर कंजर्वेशन के लिए वेटलैंड और कैनाल बनाई जाएंगी।
- दूषित जल को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के जरिए शोधित किया जाएगा।
4 कैटेगरी और 3 टाइप के मकान होंगे
DNGIR क्षेत्र में आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए चार कैटेगरी और तीन प्रकार के मकान बनाए जाएंगे।
- ईडब्ल्यूएस (EWS) – 18.1 हेक्टेयर
- एलआईजी (LIG) – 40.8 हेक्टेयर
- एमआईजी (MIG) – 29.9 हेक्टेयर
- एचआईजी (HIG) – 1.8 हेक्टेयर
टाइप-1, टाइप-2 और टाइप-3 के मकानों की योजना बनाई गई है, ताकि अलग-अलग आय वर्ग के लोगों को बेहतर सुविधा मिल सके।
क्यों है ‘नया नोएडा’ खास?
- औद्योगिक हब- देश और दुनिया के बड़े निवेशकों को आकर्षित करेगा।
- रोजगार के अवसर- लाखों लोगों के लिए नौकरियां उपलब्ध होंगी।
- आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर- स्मार्ट सिटी की तर्ज पर हाई-टेक सुविधाएं होंगी।
- पर्यावरण संरक्षण- ग्रीन एनर्जी और जल संरक्षण की विशेष रणनीति अपनाई जाएगी।
- ट्रांसपोर्ट हब- मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम तैयार किया जाएगा।
‘नया नोएडा’ यूपी और भारत के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक ऐतिहासिक कदम होगा। यह प्रोजेक्ट नई पीढ़ी के लिए बड़े अवसर, रोजगार और विकास के नए रास्ते खोलेगा।
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