Uttar Pradesh New Noida (जुनेद अख्तर): न्यू नोएडा Dadri-Noida-Ghaziabad Investment Region (डीएनजीआईआर) में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। किसानों की सहमति के आधार पर नोएडा अथॉरिटी ने कंसल्टेंट कंपनी टीला (Tila Consultants) को नियुक्त किया है। हाल ही में कंपनी के कंसल्टेंट और अथॉरिटी अधिकारियों के बीच जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को लेकर बैठक हुई थी। प्रक्रिया के तहत सबसे पहले सेक्टर-161 में जमीन अधिग्रहण के लिए किसानों से चर्चा की जाएगी। इसके बाद न्यू नोएडा में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
ईस्टर्न पेरिफेरल के पास स्थित गांवों से होगी शुरुआत
न्यू नोएडा करीब 209 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बसाया जाएगा। अधिग्रहण की शुरुआत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (ईपीई) के पास स्थित गांवों से होगी। इनमें सांवली और जोखाबाद शामिल हैं। अधिकारियों और किसानों के बीच सहमति बनाने के लिए इन गांवों में अस्थायी कार्यालय भी बनाए जाएंगे। इसके बाद अन्य गांवों की जमीनों का अधिग्रहण किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, गांवों के लोगों मुआवजे की रकम को लेकर काफी हद तक सहमति भी बन गई है। अब जल्द ही जमीन अधिग्रहण का काम शुरू कर दिया जाएगा।
4 चरणों में जमीन अधिग्रहण का काम होगा पूरा
नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक, 80 गांवों की जमीन पर न्यू नोएडा बसाया जाएगा। यह संख्या आने वाले दिनों में बढ़ भी सकती है।
पहले चरण में 15 गांवों की कुल 3,165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। मास्टर प्लान को 2041 तक 4 चरणों में पूरा किया जाएगा। 2027 से 2032 तक 3,798 हेक्टेयर, 2032 से 2037 तक 5,908 हेक्टेयर और 2037 से 2041 तक 8,230 हेक्टेयर भूमि विकसित की जाएगी।
गांव वालों का रखा गया विशेष ध्यान,
न्यू नोएडा मास्टर प्लान 2041 के अनुसार, 40 प्रतिशत भूमि औद्योगिक विकास के लिए, 13 प्रतिशत भूमि आवासों के लिए और 18 प्रतिशत भूमि मनोरंजन और हरित क्षेत्रों के लिए दी जाएगी। यह शहर गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के 80 से गांवों को मिलाकर बनाया जाएगा, जिनकी अनुमानित आबादी करीब 6 लाख होगी।
कंपनी अधिकारी किसानों से कर रहे बातचीत
“टीला” कंपनी के अधिकारी किसानों से सहमति लेने के लिए लगातार बातचीत कर रहे हैं। हर गांव में किसान परिवारों से चर्चा की जा रही है। आपसी सहमति के आधार पर पारदर्शी प्रक्रिया होगी। न्यू नोएडा परियोजना से क्षेत्र में आवासीय और औद्योगिक विकास में तेजी आएगी। यह शहर न केवल आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण होगा, बल्कि इसमें पर्यावरण और हरित क्षेत्रों पर भी ध्यान दिया जाएगा।