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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

महाकुंभ से भर जाएगा यूपी का सरकारी खजाना, मिलेंगे इतने लाख करोड़ रुपये

Kumbh Mela revenue: महाकुंभ 2025 प्रयागराज में आज से शुरू हो गया। महाकुंभ में अनुमान के मुताबिक 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इससे प्रदेश को 2 लाख करोड़ रुपये का राजस्व मिल सकता है।

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Jan 13, 2025 17:14
Mahakumbh 2025
Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025 Revenue: उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में आज से महाकुंभ 2025 की शुरुआत हो गई। करोड़ों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। संगम वह स्थान है, जहां गंगा, यमुना और सरस्वती नदियां मिलती हैं। कुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। इस बार का महाकुंभ इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार 144 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है। जिससे महाकुंभ और खास हो जाता है। महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जो अमेरिका और रूस की आबादी से भी अधिक है। राज्य सरकार ने इस आयोजन के लिए 7 हजार करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है।

बता दें कि 26 फरवरी तक चलने वाला कुंभ मेला यूपी की अर्थव्यवस्था के लिए भी शुभ रहने वाला है। इस महाकुंभ से यूपी के सरकारी खजाने में भी अभूतपूर्व वृद्धि होगी। आर्थिक विशेषज्ञों की मानें तो महाकुंभ मेले में 2025 से यूपी की अर्थव्यवस्था में 2 लाख करोड़ का योगदान हो सकता है। यहां आने वाला हर श्रद्धालु अगर 5000 रुपये भी खर्च करता है तो इससे 2 लाख करोड़ रुपये की कमाई का अनुमान है। कुछ अनुमानों के अनुसार प्रति व्यक्ति खर्च 10 हजार तक पहुंच सकता है। जिससे कुल आर्थिक लाभ 4 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। इससे राज्य की जीडीपी में 1 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।

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40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में 2019 में प्रयागराज के अर्धकुंभ मेले ने राज्य की अर्थव्यवस्था में 1.2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया था। ऐसे में इस बार महाकुंभ है और यहां पर 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। जो प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उद्योग जगत के अनुमान के अनुसार प्रति व्यक्ति औसत व्यय 10 हजार रुपये तक बढ़ सकता है। इससे कुछ आर्थिक प्रभाव 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इससे वास्तविक जीडीपी में 1 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हो सकती है।

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महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर

सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर बताया। जिसमें किसी भी समय 50 लाख से 1 करोड़ श्रद्धालु आ सकते हैं। अखिल भारतीय व्यापार परिसंघ (कैट) के अनुसार स्थानीय और अंतरराज्यीय सेवाओं, माल ढुलाई और टैक्सियों समेत परिवहन और लाॅजिस्टिक्स में 10 हजार करोड़ का योगदान होने की उम्मीद है। जबकि पर्यटन सेवाओं से 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार होने की संभावना है। आयुर्वेदिक उत्पाद और दवाइयों से 3 हजार करोड़ का कारोबार होने की संभावना है। जबकि ई-टिकटिंग, वाई-फाई सेवाएं और मोबाइल चार्जिंग स्टेशनों से 1 हजार करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है। इसके अलावा मनोरंजन और मीडिया से 10 हजार करोड़ का कारोबार होने का अनुमान है।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Jan 13, 2025 05:14 PM

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