What Is Land Parcel : नोएडा अथॉरिटी द्वारा हाल ही में हाई-प्रोफाइल रियल एस्टेट कंपनियों के साथ किए गए एक बड़े सौदे ने रियल एस्टेट टर्म ‘लैंड पार्सल’ को लेकर लोगों की जिज्ञासा जगा दी। मैक्स एस्टेट्स लिमिटेड और M3M इंडिया जैसी बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों ने नोएडा अथॉरिटी द्वारा नीलाम किए गए जमीन के टुकड़े को क्रमशः लगभग 711 करोड़ रुपये और 400 करोड़ रुपये में खरीदे। यह सौदा एक परियोजना का हिस्सा था, जिसमें उत्तर प्रदेश अपने औद्योगिक भूमि का विस्तार करने के लिए एक बड़े कदम की योजना बना रहा है। राज्य सरकार का लक्ष्य अगले 2-3 सालों में 150000 एकड़ से अधिक इंडस्ट्रियल लैंड रिजर्व करने के लिए एनसीआर में नोएडा और ग्रेटर नोएडा सहित विकास प्राधिकरणों के पास मौजूद भूमि के टुकड़ों को अनलॉक यानी बेचना है। वर्तमान में राज्य के पास पहले से ही लगभग 54,000 एकड़ लैंड रिजर्व है।
क्या है ‘लैंड पार्सल’?
लैंड पार्सल एक निश्चित टुकड़ा या भूखंड होता है, जिनका आमतौर पर ओनरशिप और डेवलपमेंट उद्देश्यों के लिए सर्वेक्षण, मैपिंग और डॉक्यूमेंट किया जाता है। इसे अक्सर स्पेसिफाई बाउंड्री द्वारा पहचाना जाता है और यह साइज, शेप और यूज में अलग हो सकता है। रियल एस्टेट में एक भूमि खंड का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि आवासीय, वाणिज्यिक, कृषि या औद्योगिक विकास। इसे सिंगल यूनिट के रूप में खरीदा, बेचा या पट्टे पर दिया जा सकता है या छोटे भूखंडों में विभाजित किया जा सकता है। इस टर्म (लैंड पार्सल) का इस्तेमाल आमतौर पर सरकार, शहरी नियोजन और रियल एस्टेट लेनदेन में भूमि के एक अलग हिस्से का वर्णन करने के लिए किया जाता है।
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उत्तर प्रदेश में भूमि अधिग्रहण पर विचार
विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी की परियोजना में यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yeida), यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Upsida), यूपी एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Upeida), गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण और सतहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण भी शामिल होंगे। नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा में विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों द्वारा संचालित 42,000 से अधिक उद्योगों में से एक तिहाई का प्रतिनिधित्व है।
इन्वेस्ट यूपी एजेंसी के माध्यम से विकास प्राधिकरणों द्वारा प्रबंधित इंडस्ट्रियल यूनिटों के सर्वेक्षण करने की प्रक्रिया में है। इसका लक्ष्य बंद पड़ी यूनिटों में कम उपयोग की गई प्रमुख इंडस्ट्रियल लैंड की पहचान करना और उसका फिर से उपयोग करना है, ताकि इसे नए निवेशकों के लिए उपलब्ध कराया जा सके। यह प्रयास भूमि संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और अनुकूलन के लिए एक व्यापक डेटाबेस बनाने में भी मदद करेगा।
क्या है योगी सरकार की योजना?
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी सरकार चालू वित्त वर्ष (FY25) के अंत तक कुल लैंड रिजर्व को 82,000 एकड़ तक बढ़ाने की योजना बना रही है। वित्त वर्ष 25 के पहले छह महीनों (अप्रैल-सितंबर) में लगभग 21,751 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई। राज्य के ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 60,000 से 80,000 एकड़ की आवश्यकता होगी।
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1100 करोड़ रुपये का लैंड पार्सल सौदा
मैक्स एस्टेट्स लिमिटेड (मैक्स एस्टेट्स) ने घोषणा की है कि कंपनी ने अपने कंसोर्टियम पार्टनर्स के साथ मिलकर नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर सेक्टर 105 में 10.33 एकड़ लैंड पार्सल का 711 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है। इस अधिग्रहण से 2.6 मिलियन वर्ग फीट लैंड को डेवलप करने का रास्ता खुल गया है, जिसमें 40 फीसदी आवासीय समूह आवास के लिए और 60 प्रतिशत वाणिज्यिक उपयोग के लिए आवंटित किया गया है, जिसमें कार्यालय, खुदरा स्थान और सेवा अपार्टमेंट शामिल हैं। M3M इंडिया ने 400 करोड़ रुपये में लैंड डील की।