अमित कुमार सिंह
उत्तर प्रदेश के कानपुर के पॉश इलाके विकास नगर में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां एक पालतू जर्मन शेफर्ड ने अपनी ही बुजुर्ग मालकिन को नोच-नोचकर मार डाला। जिस कुत्ते को वह अपने बच्चे की तरह पाल रही थीं, वही उनकी मौत का कारण बन गया। इस घटना के 2 घंटे बाद पुलिस और नगर निगम की टीम पहुंची, तब कुत्ते को काबू में लिया गया। हालांकि, तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। डेढ़ साल से जर्मन शेफर्ड कुत्ता इनके साथ था। एक महीने का था तब पोता खरीदकर लाया था।
कब हुई घटना
यह घटना रविवार को उस समय हुई जब 80 वर्षीय मोहनी देवी रोज की तरह अपने घर के आंगन में थीं। परिवार के बाकी सदस्य अपने-अपने कमरों में थे। अचानक कुत्ता हिंसक हो उठा और महिला पर झपट पड़ा। पहले तो घरवालों को लगा कि कुत्ता किसी बाहरी व्यक्ति पर भौंक रहा है, लेकिन जब उन्होंने बुजुर्ग महिला की चीख सुनी तो वह बाहर की ओर भागे, लेकिन तब तक बुजुर्ग महिला का शरीर लहूलुहान हो चुका था। कुत्ते ने महिला के पेट और चेहरे पर कई खतरनाक वार किए। उनकी चीखें सुनकर जब परिवार के सदस्य दौड़े, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महिला ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जिस कुत्ते ने बुजुर्ग महिला की जान ली, उसका बहुत ख्याल रखती थीं। उसे अपने बच्चों की तरह ही रखती थीं।
नगर निगम और पुलिस ने कुत्ते को पकड़ा
घटना की सूचना मिलते ही क्षेत्रीय पार्षद राज किशोर यादव मौके पर पहुंचे और तुरंत रावतपुर थाना पुलिस और नगर निगम की टीम को बुलाया। टीम ने काफी मशक्कत करने के बाद हिंसक कुत्ते को कब्जे में लिया और अपने साथ ले गई।
पुलिस कर रही जांच
इस दर्दनाक हादसे के बाद इलाके में डर का माहौल है। लोग अब यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि क्या पालतू कुत्ते पूरी तरह सुरक्षित हैं? खासतौर पर इनको पालना कितना सेफ है? पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर कुत्ते ने अचानक अटैक क्यों किया। क्या वह बीमार था या किसी कारण से उत्तेजित हो गया था? फिलहाल, इस घटना ने पालतू जानवरों को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
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