UP NEWS : बसपा सांसद व मीट कारोबारी हाजी फजलुर्रहमान के ठिकानों पर इनकम टैक्स (IT) की टीम द्वारा पिछले करीब 36 घण्टों से छापेमारी चल रही है। तीन जनवरी से इनकम टैक्स (IT) की टीम आईटीबीपी के जवानों के साथ हाजी के दो आवास, फैक्ट्री सहित ठिकानों पर डेरा डाले हुए है। सूत्रों के अनुसार हाजी पर टैक्स चोरी व पैसा बाहर के देशों में भेजने का आरोप है। बताया जा रहा है कि छापेमारी में ईडी (ED) के अफसर भी शामिल है।
दरअसल आईटी की टीम ने एक सप्ताह पहले उत्तरप्रदेश के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की थी। जिसमें मीट कारोबारियों द्वारा करोड़ों रूपए की टैक्स चोरी की बात सामने आई थी। जिसके बाद से ही यूपी के मीट कारोबारी आईटी के रडार पर है। जिसमें हाजी का नाम भी सामने आया था। उसी के परिणामस्वरूप उनके ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है।
हाजी के करीबियों पर भी गिर सकती है गाज
सूत्रों के अनुसार, आईटी की टीम इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस सिस्टम से लैस है। इस सर्विलांस सिस्टम से करीब 500 मीटर सर्किल का एरिया कवर रखा है। कई कॉल को टैपिंग पर लगाया गया है। ऐसे में हाजी के करीबियों पर भी गाज गिर सकती है। आईटी का सर्विलांस सिस्टम इतना हाईटेक होता हैए बंद फोन पर कॉल करने वाले की डिटेल आ जाती है।
आईटी ने सीसीटीवी फुटेज किए जब्त
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि मीट कारोबारी हाजी की फैक्ट्री में क्षमता से अधिक पशु काटे जा रहे है। क्षमता के मुताबिक करीब-करीब एक दिन 150 पशु काटे जा सकते है। लेकिन हाजी की फैक्ट्री में एक दिन में 1000 से अधिक पशु काटे जा रहे है। आईटी की टीम ने फैक्ट्री व उसके आस-पास के सीसीटीवी अपने कब्जें में लिए है। वहीं हाजी के सभी ठिकानों की सीसीटीवी की जांच की जा रही है।
लोकल अधिकारियों से भी की जा सकती है पूछताछ
अगर फैक्ट्रियों में क्षमता से अधिक कटान होता है तो इसका सीधा सा मतलब होता है कि चोरी-छिपे अघोषित आय बढ़ाई जा रही है। क्षमता से अधिक पशुओं की कटौती अगर सही पाई जाती हैं तो लोकल अधिकारियों पर भी गाज गिर सकती है। क्योंकि क्षमता से अधिक पशु अगर काटे जा रहे तो इसमें लोकल अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नही किया जा सकता है। इस कारण अगर जरूरत पड़ती है तो क्षेत्रीय पशु चिकित्सकों से भी पूछताछ की जा सकती हैं।
एक नजर में हाजी फजलुर्रहमान
हाजी फजलुर्रहमान ने अपनी राजनीति की शुरूआत निकाय चुनावों से की थी। जहां उन्हें बीजेपी के संजीव वालिया ने हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि हार के बावजूद 2019 के चुनाव में बसपा ने उन पर भरोसा जताते हुए सांसद का चुनाव लड़वाया, जहां उन्होंने बीजेपी के राघव लखन शर्मा को हराया था।