यूपी में एक और एक्सप्रेसवे का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। अलीगढ़ से आगरा के बीच वाया हाथरस 65 किमी लंबा ग्रीन एक्सप्रेसवे का निर्माण का काम जून 2025 से शुरू हो जाएगा। इसके लिए हाथरस के 48 गांवों की 322 हेक्टेयर जमीन भी अधिग्रहित की जा चुकी है। भारतमाला परियोजना के तहत अलीगढ़ और आगरा के बीच 64.90 किमी लंबा ग्रीन एक्सप्रेसवे तैयार होगा। यह 4 लेन का हाई-स्पीड रास्ता होगा, जिससे दोनों शहरों की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
48 गांवों से ली गई जमीन
इस एक्सप्रेसवे के लिए हाथरस जिले के 48 गांवों की कुल 322 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। प्रशासन ने 400 किसानों को लगभग 600 करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया है।
कब से शुरू होगा काम?
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बताया कि जून 2025 से निर्माण का काम शुरू कर दिया जाएगा। यह पूरा प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है।
2 स्टेज में होगा निर्माण
पहली स्टेज में NH-509 से हाथरस के गांव असरोई तक 28 किमी लंबी सड़क बनेगी। इसका बजट 716.5 करोड़ रुपये है। दूसरी स्टेज में 36.9 किमी लंबा रास्ता खंदौली से असरोई तक तैयार किया जाएगा, जिसे JSP प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद बनाएगी।
सुविधाओं से लैस होगा एक्सप्रेसवे
इस ग्रीन एक्सप्रेसवे पर 1 रेलवे ओवरब्रिज, 3 फ्लाईओवर, 32 अंडरपास और 16 पुलों का निर्माण किया जाएगा। इसमें वाहनों के लिए भी अलग अंडरपास होंगे, जिससे ट्रैफिक प्रबंधन में मदद मिलेगी। फिलहाल खंदौली से अलीगढ़ पहुंचने में करीब 2 घंटे लगते हैं, लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह यात्रा समय सिर्फ 1 घंटे में तय किया जा सकेगा। यह खासकर व्यापारियों और दैनिक आने-जाने वालों के लिए राहत लेकर आएगा। हाथरस से जेवर एयरपोर्ट तक सीधा रास्ता एक्सप्रेसवे के कारण हाथरस से नोएडा और जेवर एयरपोर्ट पहुंचना काफी आसान हो जाएगा। ग्रीन एक्सप्रेसवे होते हुए लोग सीधे यमुना एक्सप्रेसवे के जरिए अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मदद
एक्सप्रेसवे निर्माण से न सिर्फ कनेक्टिविटी बढ़ेगी, बल्कि आसपास के गांवों को भी सीधा लाभ मिलेगा। रोजगार, परिवहन और स्थानीय व्यापार को नई गति मिलेगी, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा।
लोगों को मिलेगी दोगुनी रफ्तार
इस एक्सप्रेसवे के बनने से लोगों को डबल रफ्तार मिलेगी। कम समय में ही ज्यादा दूरी फाइनल करेंगे। 65 किमी लंबे सफर को पूरा करने में केवल 1 घंटे का समय लगेगा, जो फिलहाल 2 घंटे लेता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह एक्सप्रेसवे बिना हरियाली से छेड़छाड़ किए बनेगा।
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