Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा में यमुना प्राधिकरण के अधीन आने वाले 29 सेक्टरों में वर्षों से अधूरी पड़ी सड़कों के निर्माण को लेकर बड़ी पहल की गई है। प्राधिकरण ने आवासीय, औद्योगिक और संस्थागत सेक्टरों में सड़क निर्माण के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत जमीन संबंधी विवादों को सुलझाया जा रहा है। किसानों से बातचीत कर सहमति बनाई गई है।
34 सड़क है अधूरी
प्राधिकरण के रिकाॅर्ड के मुताबिक वर्क सर्किल-1 और वर्क सर्किल-2 के अंतर्गत आने वाली कुल 34 अधूरी सड़कों के निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस कदम से भूखंड आवंटियों को निर्माण कार्य शुरू करने में राहत मिलेगी और सेक्टरों की कनेक्टिविटी सुधरेगी।
कहां-कहां अधूरी हैं सड़कें?
वर्क सर्किल-1 में सेक्टर 9, 13, 14, 14सी, 15, 15ए, 15बी, 15सी, 16, 17ए, 17बी, 18, 19 और 26ए शामिल है, जहां करीब 26 सड़के अधूरी है। वर्क सर्किल-2 में सेक्टर 10, 14ए, 14बी, 20, 21, 22ए से लेकर 22एफ तक व 23 श्रृंखला के सेक्टरों में आठ सड़कों का काम अधूरा है।
जलभराव और सीवर समस्या से राहत
सड़क निर्माण के साथ-साथ नाले और सीवर अधूरे होने के कारण कई सेक्टरों में जलभराव की समस्या बनी हुई है। लोक निर्माण विभाग और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की कुल 25 सड़कों की मरम्मत पर लगभग 40 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लोक निर्माण विभाग की 17 सड़कों की कुल लंबाई 31.88 किलोमीटर है जिसको बनाने में 14.52 करोड़ की लागत आएगी। ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की 8 सड़कों की कुल लंबाई 32.17 किलोमीटर है। यह 26 करोड़ की लागत से बनकर तैयार होगी।
क्या बोले सीईओ?
यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने बताया कि सड़क बनने से लाखों लोगों का सफर सुगम होगा। सेक्टर के अलावा मकनपुर, सलारपुर, फलैदा, तीरथली, चिरौली, दनकौर जैसे कई ग्रामीण क्षेत्रों को लाभ पहुंचेगा। सेक्टरों में अधूरी पड़ी सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता पर लिया गया है। जमीन विवादों को सुलझाकर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा।
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