Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के कासना स्थित राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) अब पश्चिमी यूपी के लिए सुपरस्पेशियलिटी इलाज का केंद्र बनने जा रहा है. सरकार ने इसे एसजीपीजीआई लखनऊ की तर्ज पर विकसित करने का निर्णय लिया है. माना जा रहा है कि इस कदम से नोएडा, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़ और गाजियाबाद समेत आसपास के जिलों के लाखों मरीजों को कैंसर, मस्तिष्क, गुर्दे और नसों से जुड़ी गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधा अपने ही जिले में मिल सकेगी.
नए कोर्स शुरू करने पर मंजूरी
लखनऊ में मुख्य सचिव एसपी गोयल की अध्यक्षता में हुई संस्थान की दसवीं शासी निकाय की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया. बैठक में जिम्स को सुपरस्पेशियलिटी इंस्टीट्यूट के रूप में विकसित करने और गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए नए कोर्स शुरू करने की मंजूरी दी गई.
सुपरस्पेशियलिटी कोर्स की मिलेगी सौगात
संस्थान में जल्द ही मेडिकल ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन जैसे सुपरस्पेशियलिटी कोर्स शुरू किए जाएंगे. अगले साल तक इनकी शुरुआत का लक्ष्य तय किया गया है. इसके साथ ही नवजात शिशु चिकित्सा (नियोनेटोलॉजी), पेन मेडिसिन, एनेस्थीसिया, डेंटल सर्जरी और क्रिटिकल केयर में फेलोशिप प्रोग्राम भी शुरू होंगे.
जिले का पहला सुपरस्पेशियलिटी संस्थान
जिम्स गौतमबुद्ध नगर का पहला ऐसा सरकारी संस्थान बनने जा रहा है, जहां इतनी विस्तृत सुपरस्पेशियलिटी सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी. फिलहाल ऐसे कोर्स मेरठ, आगरा और लखनऊ के मेडिकल कॉलेजों में ही चलते हैं. सरकार ने ग्रेटर नोएडा स्थित जीबीयू परिसर में विकसित हो रहे जिम्स मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि भी मंजूर की है.
रोबोटिक सर्जरी और एडवांस डायग्नोसिस की तैयारी
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा अमित कुमार घोष ने संस्थान में रोबोटिक सर्जरी, हाई-एंड डायग्नोसिस और प्रिसीजन मेडिसिन जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को शामिल करने का सुझाव दिया. उनका कहना है कि पश्चिमी यूपी में एसजीपीजीआई जैसी सुविधाओं की बेहद जरूरत है, जिससे लोगों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए लखनऊ या दिल्ली न जाना पड़े.
आपातकालीन प्रशिक्षण केंद्र भी होगा स्थापित
संस्थान में जल्द ही राष्ट्रीय आपातकालीन जीवन रक्षक प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा ‘विद्या सेतु कौशल शिक्षा प्रशिक्षण इकाई’ के तहत मरीजों की देखभाल, मैकेनिकल वेंटिलेशन और नर्सिंग मॉड्यूल पर कौशल विकास पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे.










