Uttar Pradesh Greater Noida (जुनेद अख्तर) : ग्रेटर नोएडा में पब्लिक सेफ्टी और ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने तैयारी शुरू कर दी है। अथॉरिटी अपने पूरे क्षेत्र में 2700 सीसीटीवी कैमरे लगाने जा रहा है। इससे अथॉरिटी और पुलिस 15 लाख की आबादी पर आराम से नजर रख सकेगी। बताया जा रहा है कि ये सभी कैमरे सेफ सिटी और इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ISTMS) के तहत लगाए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी इस पर करीब 227 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
चौराहों पर लगेंगे ईसीबी
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के मुताबिक,यात्रियों को ट्रैफिक की स्थिति, सड़क बंद होने, वैकल्पिक मार्गों और आपातकालीन अलर्ट के बारे में सूचित करने के लिए प्रमुख जंक्शनों पर वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले (VMD) बोर्ड भी लगाए जाएंगे। अथॉरिटी के ओएसडी के मुताबिक, पब्लिक सेफ्टी के लिए चौराहों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स (ECB) लगाए जाएंगे। ये ईसीबी लोगों को सीधे इमरजेंसी टीम से जोड़ेंगे। इसके अलावा भीड़भाड़ वाले इलाकों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम (PAS) भी लगाए जाएंगे। इसका मुख्य सेंटर नॉलेज पार्क-4 में बनाया जाएगा। वहां से सीसीटीवी के जरिए लाइव निगरानी की जाएगी।
9 थानों में लगेगी 40 इंच की एलईडी स्क्रीन
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कमांड सेंटर के अलावा क्षेत्र के 9 थानों से भी सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी की जाएगी। अथॉरिटी अधिकारी के मुताबिक, इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा पर फोकस करना है। इसके लिए प्रमुख स्थानों पर पिंक बूथ बनाए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा के सभी नौ थाने भी सर्विलांस नेटवर्क से जुड़ेंगे। हर थाने को शहर के सीसीटीवी कैमरों से लाइव फीड मिलेगी। निगरानी के लिए हर थाने पर 40 इंच की एलईडी स्क्रीन लगेंगी।
ग्रीन कॉरिडोर बनाने में सक्षम
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी का दावा है कि इस सिस्टम के जरिए हम किसी भी आपातकालीन स्थिति में ग्रीन कॉरिडोर बना सकेंगे। इसके लिए एंबुलेंस, दमकल व अन्य वाहनों को एक साथ मुख्य सड़कों पर हरी बत्ती देकर या ट्रैफिक डायवर्ट करके रास्ता दिया जा सकेगा। इससे वे भीड़ में फंसे बिना जल्दी अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे। अथॉरिटी ने इस योजना के लिए टेंडर जारी कर दिया है। संचालन की इच्छुक कंपनियां 4 अप्रैल तक आवेदन कर सकती हैं।
कैमरों की खासियत
अथॉरिटी के मुताबिक, चौराहों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे। इसके जरिए नंबर प्लेट की आराम से पहचान हो जाएगी। सड़क पर भारी ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए अडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा। यह रियल टाइम ट्रैफिक के हिसाब से काम करेगा। रेड लाइन का उल्लंघन करने वालों की निगरानी आरएलवीडी कैमरे के जरिए की जाएगी। वहीं हाई स्पीड और ट्रैफिक उल्लंघन का पता लगाने के लिए एसवीडी सिस्टम (टीवीडीएस) का उपयोग किया जाएगा।