Uttar Pradesh Greater Noida (जुनेद अख्तर) : ग्रेटर नोएडा और अमेरिका के लोउडन काउंटी को सिस्टर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं। मंगलवार को लोउडन काउंटी सिटी के प्रतिनिधि ग्रेटर नोएडा पहुंचे। दोनों तरफ से इंफ्रास्ट्रक्चर पर प्रस्तुतिकरण दिए गए और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया गया। लोउडन काउंटी सिटी की प्रतिनिधियों ने अथॉरिटी के अधिकारियों को लोउडन काउंटी सिटी आने के लिए आमंत्रित भी किया।
दोनों देशों के अधिकारियों की बनी सहमति
दरअसल मंगलवार को अमेरिका के लोउडन काउंटी सिटी, वर्जीनिया के इकोनॉमिक डेवलपमेंट विभाग के कार्यकारी निदेशक बडी राइजर अपनी टीम के साथ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पहुंचे। सीईओ एनजी रवि कुमार, एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ प्रेरणा सिंह और ओएसडी अभिषेक पाठक व अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों के बीच सिस्टर सिटी बनाने को लेकर लंबी वार्ता चली। बताया जा रहा है कि कई मामलों में दोनों देशों के अधिकारियों की सहमति बनी है।
एयरपोर्ट, मेट्रो कनेक्टिविटी समेत कई मुद्दों पर चर्चा
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी की ओर से प्रस्तुतिकरण में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर, रोड इंफ्रास्ट्रक्चर, मेट्रो कनेक्टिविटी, एक्सप्रेसवे, ग्रीनरी, बड़ी कंपनियों, शिक्षण संस्थानों, डाटा सेंटर हब, आईआईटीजीएनएल, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब व मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब आदि सभी विकास कार्यों की जानकारी दी गई। अथॉरिटी ने वेस्ट कलेक्शन सिस्टम से भी प्रतिनिधिमंडल को अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान अथॉरिटी अधिकारियों से युवाओं को रोजगार देने पर भी चर्चा की।
रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास
सीईओ एनजी रवि कुमार ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को आधुनिक संस्कृति व तकनीक से अवगत कराना बहुत आवश्यक है। इसी तरह लोउडन काउंटी सिटी के प्रतिनिधियों की तरफ से भी प्रस्तुतीकरण में वहां की इंफ्रास्ट्रक्चर के बारे में जानकारी दी गई।
दोनों शहरों में जाकर कर सकेंगे अध्ययन
बता दें कि दोनों शहरों कोशिश सिस्टर सिटी के रूप में डेवलप करने के लिए एमओयू पहले ही साइन किए जा चुके हैं। इसके माध्यम से दोनों शहरों के बीच शिक्षा, व्यापार, संस्कृति, बायोटेक, कृषि, फार्मास्यूटिकल, सूचना एवं तकनीक जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष आदान-प्रदान में सहूलियत होगी। एक-दूसरे के प्रतिनिधि दोनों शहरों में जाकर अध्ययन कर सकेंगे।